सीतामढ़ी/रीगा : जिले के रीगा थाना क्षेत्र के पिपरा गांव (रीगा द्वितीय पंचायत) स्थित करीब 150 सौ वर्ष प्राचीन राधा-कृष्ण मंदिर के मुख्य गेट का ताला तोड़कर गर्भगृह से चोरों ने अष्टधातु की प्राचीन मूर्तियों की चोरी कर ली.
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राधा-कृष्ण मंदिर से प्राचीन मूर्तियां चोरी
सीतामढ़ी/रीगा : जिले के रीगा थाना क्षेत्र के पिपरा गांव (रीगा द्वितीय पंचायत) स्थित करीब 150 सौ वर्ष प्राचीन राधा-कृष्ण मंदिर के मुख्य गेट का ताला तोड़कर गर्भगृह से चोरों ने अष्टधातु की प्राचीन मूर्तियों की चोरी कर ली. घटना मंगलवार देर रात की है. बुधवार की सुबह कुछ ग्रामीणों की नजर मंदिर के खुले […]
घटना मंगलवार देर रात की है. बुधवार की सुबह कुछ ग्रामीणों की नजर मंदिर के खुले दरवाजे पर पड़ी, जिसके बाद गर्भगृह का सिंहासन खाली देख लोग सन्न रह गये. मंदिर में प्राचीन मूर्तियों की चोरी जाने की खबर फैलते ही ग्रामीणों की भीड़ जुट गयी. मंदिर की पुजारिन गीता देवी जब मंदिर के गर्भगृह का पड़ताल की तो सिंहासन से राधे-कृष्ण की बेशकीमती मूर्ति (वजन लगभग 30 किलोग्राम), दो छोटी मूर्ति, भगवान राम व हनुमान समेत कुल सात मूर्तियां गायब थी.
वहीं मंदिर में घुसे चोर दान-पात्र भी उठाकर ले गये. दान-पात्र में रखा सोना एवं चांदी के आभूषण व नगद रुपया निकालकर दान-पात्र तोड़कर फेंक दिया, जिसे मंदिर से तकरीबन पांच सौ मीटर दूर बरामद किया गया. सूचना मिलने पर थानाध्यक्ष सुभाष मुखिया पुलिस बल के साथ पहुंचकर मंदिर के विभिन्न कोणों का जायजा लिया तथा ग्रामीणों से घटना की पूरी जानकारी ली. पुलिस ने घटनास्थल के पास से चोरों द्वारा फेंका गया दान-पात्र का बक्सा, कपड़ा, जंजीर व ताला समेत अन्य सामान बरामद किया है.
चोरी की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस टीम थानाध्यक्ष के नेतृत्व में जांच कर रही है. एसएसबी कैंप से श्वान दस्ता को बुलाकर जांच-पड़ताल की गयी, लेकिन चोरी का सुराग अब तक नहीं मिल सका है. श्वान दस्ता के कमांड प्रभारी कांस्टेबल संदीप थोबे ने बताया कि पांच सौ मीटर की दूरी तक चोरों के जाने का संकेत है. इसमें चार पहिया व बाइक का चिह्न है.
आस्था का प्रमुख केंद्र है राधा-कृष्ण मंदिर: राधा-कृष्ण मंदिर से प्राचीन मूर्तियों के चोरी जाने से ग्रामीण मायूस हैं. बताया जा रहा है कि उक्त मंदिर गांव ही नहीं, बल्कि आसपास क्षेत्र के लोगों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र हैं. प्राचीन काल से यहां के ग्रामीण उक्त मंदिर में पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं. जानकारी के मुताबिक रीगा गांव निवासी आनंद किशोर सिंह, मनजीत सिंह, शांति देवी, रामनरेश सिंह एवं अन्य के पूर्वजों द्वारा तकरीबन डेढ़ सौ पूर्व वर्ष पूर्व मंदिर का निर्माण कराया गया था.
मंदिर के पुजारिन गीता देवी ने कहा कि न जाने, मंदिर में किसकी नजर लगी है, जो हमारे राधा-कृष्ण को चोरी कर ले गये. मालूम हो कि गत वर्ष पूर्व दरबार ठाकुरबारी से भी राधा-कृष्ण की मूर्ति चोरी कर ली गयी थी. इस मामले में पुलिस के हाथ अभी तक खाली है.
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