उजागर. मामले में डीएम ने की कार्रवाई की सिफारिश
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मनरेगा में 25 लाख की फर्जी निकासी
उजागर. मामले में डीएम ने की कार्रवाई की सिफारिश हुसैनाबाद पंचायत में 22 योजनाओं की जांच के बाद 9 योजनाओं में हुआ घोटाले का खुलासा शेखपुरा : जिले में मनरेगा योजना के तहत बिना काम कराये ही 25 लाख रुपये की फर्जी निकासी कर बड़े घोटाले को अंजाम देने का मामला सामने आया है. इस […]
हुसैनाबाद पंचायत में 22 योजनाओं की जांच के बाद 9 योजनाओं में हुआ घोटाले का खुलासा
शेखपुरा : जिले में मनरेगा योजना के तहत बिना काम कराये ही 25 लाख रुपये की फर्जी निकासी कर बड़े घोटाले को अंजाम देने का मामला सामने आया है. इस मामले में पांच सदस्य जांच कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने अरियरी प्रखंड के हुसैनाबाद पंचायत के मुखिया आलोक कुमार समेत अन्य जिम्मेवार लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की सिफारिश राज निदेशालय को किया है.
इस मामले में स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा विभिन्न चरणों में लगभग 54 योजनाओं में अनियमितता की जांच के लिए 8 अगस्त 2016 को डीएम को आवेदन सौंप कर जांच की मांग की थी
. इस मामले में 19 नवंबर 2016 को जिलाधिकारी के निर्देश पर गठित पांच सदस्यीय जांच कमेटी ने पहले चरण में सभी 22 योजनाओं का भौतिक सत्यापन किया. इन योजनाओं के भौतिक सत्यापन में पंचायत के हुसैनाबाद गांव में नौ ऐसी योजनाएं मिली, जिसमें जांच टीम ने बिना काम के ही राशि निकासी करने के आरोपों का प्रतिवेदन सौंपा. इस मामले में डीएम के द्वारा गठित जांच कमेटी में वरीय उप समाहर्ता ज्ञान प्रकाश,
ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता, मो. जमील असगर, सिंचाई प्रमंडल के सहायक अभियंता हेमंत कुमार, कनीय अभियंता चंदन कुमार, वरीय लेखा पदाधिकारी उदय कुमार को जांच की जिम्मेवारी दी गयी थी. लंबे समय तक चली जांच के इस मामले में जांच कमेटी ने जिलाधिकारी को सभी 238 पेज का जांच रिपोर्ट सौंपा, जिसमें 24 लाख 92 हजार 175 रूपये की फर्जी निकासी ऐसी
योजनाओं में हुआ, जिसका धरातल पर कोई काम ही नहीं हो सका. जांच कमेटी के मुताबिक इस योजना में तीन योजनाएं मिट्टी कार्य से जुड़ी है. इस मिट्टी कार्य में पुलिया का निर्माण किया जाना था, लेकिन जांच टीम ने इन योजनाओं में किसी तरह का निर्माण अथवा मिट्टी कार्य का साक्ष्य नहीं पाया. इसके साथ ही जांच कमेटी ने बिना काम कराये राशि की निकासी किये जाने वाली योजनाओं में दो पीसीसी, दो पुलिया एवं मिट्टी के कार्य तथा दो पौधारोपण के योजनाओं में अनियमितता बताया गया है.
जांच कमेटी ने सभी पास योजनाओं की जांच में नव योजनाओं में अनियमितता तो पायी है लेकिन 13 योजनाओं में क्लीन चिट दे दी गयी है. हुसैनाबाद पंचायत के मनरेगा योजना में बड़े घपले की जांच का मुख्य बिंदु और भी है. जिसमें स्कूली बच्चों को जॉब कार्ड धारी मजदूर बना कर शैक्षणिक दिवस में भी छात्रों से मनरेगा में काम लिये जाने का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ. इसके साथ ही पंचायत के वर्ष 2010 में मृत प्रकाश धोबी भी मनरेगा के वित्तीय वर्ष 2015-16 की योजना में 48 दिन काम करा कर खाते में मजदूरी भुगतान करने की गड़बड़ी पायी गयी. इसी प्रकार पंचायत के मृत व्यक्ति उदय पंडित से 35 दिन एवं मालो देवी से 25 दिन मनरेगा में काम कराये जाने की अनियमितता सामने आयी है. मनरेगा में हुए बड़े घोटाले को लेकर जांच कमेटी ने अपने रिपोर्ट में आंगनबाड़ी सेविका-
सहायिका, सेवानिवृत्त चौकीदार एवं रसोइया को भी जॉब कार्डधारी मजदूर बना कर मनरेगा में फर्जी राशि की निकासी की गयी. जांच कमेटी जब मनरेगा योजा को खंगाल रही थी. उस वक्त तत्कालीन पीआरएस के द्वारा विभाग के एमआइएस से लगभग डेढ़ सौ ऐसे फर्जी जॉब कार्ड धारियों का नाम डीलिट कर दिया गया, जिसका खुलासा जांच के दौरान किया गया है.
हुसैनाबाद पंचायत में मनरेगा को लेकर हुए बड़े घोटाले में एक ही व्यक्ति के नाम पर कई जॉब कार्ड निर्गत किये जाने की अनियमितता को कलमबंद किया है. पंचायत में हुए मनरेगा के इस भारी अनियमितता को लेकर शेखपुरा डीएम ने पंचायत के मुखिया समेत अन्य जिम्मेवार लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की सिफारिश राज निदेशालय से की है.
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