शेखपुरा : जिले की आंदोलनरत सेविका-सहायिकाओं ने सरकारी सेवक का दर्ज पाने को लेकर अपनी आंदोलन को तीव्र करने का निर्णय लिया है. 20 अप्रैल को पूरे राज्य की सेविका व सहायिका इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पटना में घेराव करेगी. इस आंदोलन को प्रभावी बनाने के लिए शनिवार को आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका कर्मचारी संघ के अधिशासी परिषद की बैठक आयोजित की गयी. भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के कार्यालय कार्यानंद भवन में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में जिले में कार्यरत सैकड़ों की संख्या में आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका इकट्ठा हुई थी. बैठक की अध्यक्षता संघ के जिलाध्यक्ष कमला सिन्हा कर रही थी.
इस अवसर पर सीपीआइ के जिला मंत्री प्रभात कुमार पांडेय, राजपत्रित कर्मचारी संघ (सेवांजलि) के जिलाध्यक्ष आनंदी प्रसाद सिंह के साथ आंगनबाड़ी सेविका फूलो देवी, अनीता देवी, सुनीता देवी, इंदिरा देवी आदि उपस्थित थी. सेविका व सहायिका के मनोबल को बढ़ाने तथा इन सबके बीच चट्टानी एकता को कायम रखने के लिए बिहार राज्य आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका, संघ के प्रदेश महासचिव कुमार विश्वेश्वर प्रसाद सिंह भी मौजूद थे. इस बैठक में संघ ने आंगनबाड़ी सेविका के 24 मार्च से लगातार चलाये जा रहे आंदोलन तथा हड़ताल का समर्थन करते हुए मांगे माने जाने तक चट्टानी एकता बरकरार रखने पर जोर दिया गया.
इन सबकी मुख्य मार्ग सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत करने के लिए मानदेय में वृद्धि करना. सरकारी सेवक का दर्जा देना तथा इस बीच गोवा व तेलांगना मॉडल के अनुसार मानदेय में वृद्धि की मांग शामिल है. आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका के मांगों में स्थानीय स्तर पर अधिकारी की मनमानी तथा बात-बेबात शोषण से मुक्ति दिलाना भी शामिल है. साथ ही सवा शर्तों में सुधार, सेवानिवृत्ति की उम्रसीमा बढ़ाने, अनुकंपा का लाभ आदि शामिल है. इस बैठक में सभी आंगनबाड़ी सेविका अपनी मांगों को लेकर अंतिम चरण तक आंदोलन को लेकर पूरे उत्साह में हैं.