शुरुआती दौर में परिवार का विरोध का सामना
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जीविका चलाने के लिए पार्षद चला रही हैं दुकान
शुरुआती दौर में परिवार का विरोध का सामना शेखपुरा : खुद गरीबी के आंगन से निकल कर पिछले 10 सालों से शेखपुरा नगर परिषद् में पार्षद के पद की गरिमा बढ़ा रहे मंजू आज भी अपने परिवार की जीविका चलाने के लिए चप्पल जूते की दुकान चला रही है. दरअसल शहर के गिरिहिंडा ढलान पर […]
शेखपुरा : खुद गरीबी के आंगन से निकल कर पिछले 10 सालों से शेखपुरा नगर परिषद् में पार्षद के पद की गरिमा बढ़ा रहे मंजू आज भी अपने परिवार की जीविका चलाने के लिए चप्पल जूते की दुकान चला रही है. दरअसल शहर के गिरिहिंडा ढलान पर अपने पुस्तैनी आवास में चप्पल और जूते की दुकान चला रही मंजू फिलहाल वार्ड 20 की पार्षद है. तीन पुत्र,पति,सास,ससुर से भरे पूरे परिवार के लिए पार्षद का पुस्तैनी चप्पल जूते की दुकान है. ससुर बुढ़ापा उम्र के कारण मैट्रिक पास मंजू ही इस दुकान का संचालन कर अपने परिवार की जीविका चल रही है.
शादी के लंबे अंतराल के बाद उनके पति सीताराम उर्फ झनकी की समाजसेवा भाव से प्रेरणा लेकर मंजू ने भी वार्ड चुनाव में अपनी दिलचस्पी दिखाई. हालांकि शुरुआती दौर में उन्हें अपने परिवार का विरोध का सामना भी करना पड़ा. लेकिन अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के आगे उसने सबको राजी कर लिया. अपनी सोच और भावना के जरिये मंजू ने अपने घर के साथ-साथ वार्ड से भी अपना समर्थन पा लिया. पहले चुनाव में वह वार्ड 20 और 22 दोनों से चुनाव लड़ी और दोनों वार्डों में जीत का परचम लहरा लिया. इतना ही नहीं महिला पार्षद ने वार्ड 22 से इस्तीफा देकर अपनी सास को भी चुनाव लड़ाई और विजय तिलक भी लगाया.
दरअसल सरल और साधारण स्वभाव की यह महिला कोलकाता के एक करीब परिवार की बेटी है. कोलकाता के झुुग्गी-झोपडि़यों में रहने वाले गरीब को करीब से समझने वाली यह महिला मैट्रिक पास करने के पहले ही ब्याह कर शेखपुरा लायी गयी. यहीं रह कर उसने मैट्रिक की शिक्षा को पूरा किया. पार्षद मंजू कहती है कि उनके पति से मिलने वाले गरीब असहाय परिवार को लोग जब उनके घर आते थे तब उन्हें समाज में गरीबी की भयावह स्थिति से समाज सेवा की मजबूत प्रेरणा जगायी.
वह कहती है कि बेरोजगारी ओर गरीबी ही समाज में कड़वा सच का आइना है. इसे मिटाने के लिए इसी बीच की शिक्षित लोगों को आगे आना होगा. पार्षद ने राज्य के अंदर शराबबंदी को लेकर सरकार के फैसले की जम कर सराहना तो की साथ ही कहा कि स्वच्छता की दिशा में हर घर शौचण को लेकर कटी मध्य सरकार के इस योजना को धरातल पर उतारने की दिशा में सभी वंचित परिवारों को जगाने का काम किया जा रहा है. गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ सामाजिक बदलाव की धारना से वह समाजसेवा के क्षेत्र में मिसाल बन कर अपने परिवार की भी जीविका चलाने में जी-तोड़ मेहनत कर रही है.हालांकि मंजू ने सिर्फ स्तर पर राजनीतिक हालातों पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि आज के इस दौर में राजनीति और समाजसेवा का मतलब ही बदल रहा है. ऐसे में युवा पीढ़ी और गरीबों के बीच उठने वाले शिक्षित लोगों की समाजसेवा के लिए जिम्मेवारी और भी बढ़ जाती है.
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