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शवयात्रा में शामिल लोग हुए हादसे के शिकार

हादसा. बरबीघा- शेखपुरा एनएच-33 पर कार ने भीड़ काे कुचला, जाम की सड़क शेखपुरा : बरबीघा- शेखपुरा एनएच-33 पर जिस प्रकार अनियंत्रित कार ने शव यात्रा में जा रहे ग्रामीणों की भीड़ को बेरहमी से रौंद दिया. इस घटना में अगर ग्रामीणों ने सजगता नहीं दिखायी होती तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी. दरअसल इस […]

हादसा. बरबीघा- शेखपुरा एनएच-33 पर कार ने भीड़ काे कुचला, जाम की सड़क

शेखपुरा : बरबीघा- शेखपुरा एनएच-33 पर जिस प्रकार अनियंत्रित कार ने शव यात्रा में जा रहे ग्रामीणों की भीड़ को बेरहमी से रौंद दिया. इस घटना में अगर ग्रामीणों ने सजगता नहीं दिखायी होती तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी. दरअसल इस घटना के दौरान शव यात्रा में शामिल महिला कौशल्या देवी ने पीछे की ओर से कार को करीब आते देख कई बच्चों को धक्का देकर खुद का जीवन दांव पर लगा कर उन्हें बचाने की कोशिश की. इतना ही नहीं उस महिला की चीख ने ग्रामीणों के बीच से हटने में भी कुछ हद तक मददगार साबित हुई.
इस घटना में जिस प्रकार कार ने डेढ़ दर्जन लोगों को लहूलुहान कर दिया उस दौरान काफी अफरा-तफरी की स्थिति मच गयी. हालांकि कुछ ग्रामीणों की सूझबूझ के कारण कार को खदेड़ कर पकड़ना चाह रहे ग्रामीणों को वापस घूमा कर घायलों को इलाज के लिए विभिन्न स्थानों पर भेजा गया. शनिवार की सुबह करीब 10:00 बजे के इस घटना में जख्मी तनिक दास, गुड्डू दास, अंगद, पासवान, ज्योति कुमार राजन कुमार, झगरू पासवान समेत 18 लोगों को भी गंभीर चोट लगी है.
तीन घंटे बाद पहुंचे अधिकारी :
शव यात्रा के भीड़ को एक अनियंत्रित कार के द्वारा रौंदने की घटना के बाद सड़क जाम कर हंगामा कर रहे ग्रामीणों ने प्रशासनिक महकमा पर आरोप लगाकर जमकर नारेबाजी की. इस मौके पर स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि शनिवार की सुबह करीब 10:00 बजे के इस घटना में जब दर्जनों लोग लहूलुहान होकर इलाज में प्रशासनिक मदद चाह रहे थे. तब सूचना के बाद भी मौके पर ना पुलिस पहुंच सकी और ना ही प्रशासनिक अधिकारी. ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि इसी प्रशासनिक लापरवाही के कारण बाध्य होकर स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा नेशनल हाइवे सड़क मार्ग पर यातायात को ठप किया गया.
ग्रामीणों ने कहा कि हादसे के बाद सड़क मार्ग जाम होने की पूरी जिम्मेदारी प्रशासनिक अधिकारियों की है. उन्होंने कहा कि सड़क जाम के 3 घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी ने भी संतोषजनक कार्यवाही नहीं की है. मौके पर स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि हादसे के 3 घंटे बाद पहुंचने वाले प्रशासनिक अधिकारियों से कार्यवाही की उम्मीद भला कैसे की जा सकती है. ग्रामीणों ने इस मामले में फरीदपुर गांव के समीप स्पीड ब्रेकर निर्माण से लेकर पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने के लिए जिलाधिकारी दिनेश कुमार से स्वयं पहल कदमी करने की मांग की है. इस घटना को लेकर ग्रामीणों से वार्ता करने पहुंचे एसडीपीओ अमित सरन एवं एसडीएम राकेश कुमार ने बताया कि ग्रामीणों की मांग के अनुसार फरीदपुर गांव के पास वाहनों की गति नियंत्रण के लिए व्यवस्था बहाल किया जाएगा.

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