शेखपुरा : जिले में सुरक्षा और विधि व्यवस्था के लिए मुस्तैदी दिखाने वाली शेखपुरा पुलिस इन दिनों खुद बुनियादी सुविधाओं से महरूम है. यह हाल जिले के कुसुम्भा ओपी के जर्जर भवन में रह रहे सुरक्षा कर्मियों का है. कुसुम्भा ओपी तीन कमरों के जर्जर भवन में संचालित हो रहा है.भवन ऐसा की चारों तरफ से दीवारों में दरार पड़ा हुआ है.
छत का प्लास्टर आये दिन सुरक्षा कर्मियों पर गिर जाता है. बरसात के दिनों में छत से पानी टपकने से बचाव को सुरक्षा कर्मी छत के नीचे प्लास्टिक डालकर किसी तरह गुजारा करते हैं. इसी कमरे में ओपी पुलिस बल रहकर आम लोगों को सुरक्षा देती है. ओपी के दरार भरे जिस कमरे में जवान विश्राम करते हैं, उसी के बगल में एक छोटा-सा दफ्तर भी है. ओपी के दफ्तर की हालत इस कदर है कि दस्तावेज नष्ट हो जाने का खतरा आये दिन परेशानी का शबब बना रहता है. वहीं इस ओपी में तैनात मुंशी राम बालक राम ने कहा कि ओपी का भवन जर्जर अवस्था में है. भवन का कोई ऐसा कोना नहीं है
जहां पानी नहीं टपकता हो. दफ्तर का कागजात बरसात के पानी से बचाव के लिए कभी इधर तो कभी उधर करते रहना पड़ता है.सदर प्रखंड में कुसुम्भा ओपी की स्थापना वर्ष 2001 में किया गया था. फिलहाल यहां ओपी प्रभारी के रूप में मिथिलेश कुमार बीसवें पुलिस अधिकारी हैं. शुरुआती दौर से ही बुनियादी संसाधनों के बिना ही गांव के सरकारी भवन में ओपी का संचालन शुरू कर दिया गया. लेकिन पिछले 16 सालों के अंतराल में इस ओपी के लिए विभाग और सरकार के द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया. स्थिति यह है कि इस जर्जर भवन में पुलिस कर्मी दिन रात खतरा लेकर ड्यूटी का निर्वहन कर रहे हैं.