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जिले के विकास में डीएम की पहल उल्लेखनीय

सीतामढ़ी : 22 मार्च यानि बिहार का स्थापना दिवस. एक ऐसा दिन जब पूरे सूबे में कार्यक्रमों का आयोजन कर बिहार के विकास पर चर्चा की जाती है. वहीं बिहार के विकास में योगदान देने वाले लोगों के सहयोग की सराहना की जाती है. बिहार के विकास में सीतामढ़ी का भी कम योगदान नहीं है. […]

सीतामढ़ी : 22 मार्च यानि बिहार का स्थापना दिवस. एक ऐसा दिन जब पूरे सूबे में कार्यक्रमों का आयोजन कर बिहार के विकास पर चर्चा की जाती है. वहीं बिहार के विकास में योगदान देने वाले लोगों के सहयोग की सराहना की जाती है. बिहार के विकास में सीतामढ़ी का भी कम योगदान नहीं है.

सीतामढ़ी जिला भी लगातार विकास के पथ पर अग्रसर है. स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, सिंचाई, सफाई व स्वच्छता तथा जल संरक्षण के क्षेत्र में सीतामढ़ी जिले ने भी विकास की इबारत लिखी है. पिछले दो साल में जिले ने विकास की नयी परिभाषा गढ़ी है और इसका श्रेय जाता है सीतामढ़ी के डीएम राजीव रौशन का. जिन्होंने अपने कुशल निर्देशन व जी तोड़ मेहनत के बल पर जिले को बिहार के विकास के मानचित्र पर स्थापित कराने में अहम भूमिका निभायी है.
वैसे डीएम के ही मजबूत पहल का आलम है कि यह जिला साल 2016 व 2017 में स्वच्छता के नाम से यादगार रहेगा. साल 2016 में डीएम ने जिले को खुले में शौच से मुक्त घोषित कराने की मुहिम छेड़ी थी. इसके तहत बेलसंड अनुमंडल को सूबे का पहला ओडीएफ अनुमंडल बनने का गौरव प्राप्त हुआ.
इसके अलावा तीन प्रखंड ओडीएफ घोषित किये गये. जबकि इस साल लगातार पंचायतों के ओडीएफ घोषित करने की पहल जारी है. अगले सप्ताह में यानि 31 मार्च तक जिले के 100 पंचायत ओडीएफ घोषित किये जायेंगे. डीएम ने साल 2017 के अगस्त तक पूरे जिले को ओडीएफ घोषित करने का लक्ष्य तय कर दिया है. डीएम राजीव रौशन ने पिछले साल एक दिन में रिकार्ड सोख्ता का निर्माण करा वर्ष 2017 के लिम्का बुक आॅफ वर्ल्ड रिकार्ड में सीतामढ़ी का नाम दर्ज कराने की उपलब्धि पायी थी.
वर्तमान में सेनिटेशन पार्क का निर्माण करा डीएम श्री रौशन पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ी पहल शुरू की है. इसके अलावा सामाजिक सद्भाव की बहाली के क्षेत्र में डीएम की पहल शानदार रहीं है.
बताते चले की डीएम राजीव रौशन मूल रूप से बेगुसराय जिले के तेघरा प्रखंड के गौरा गांव के रहने वाले है. वर्ष 2009 में सिविल सेवा सर्विसेज में 13 वां स्थान प्राप्त कर वे आइएएस अधिकारी बने. वर्ष 2014 में उनकी तैनाती सीतामढ़ी में बतौर डीएम के रूप में हुई थी. तब से डीएम इलाके में लगातार विकास की इबादत लिख रहे है.
सफाई-स्वच्छता व जल संरक्षण की दिशा में कराये गये बेहतरीन काम
डीएम की पहल पर बेलसंड बना
सूबे का पहला ओडीएफ अनुमंडल
एक अनुमंडल व तीन प्रखंडों के अलावा 100 और पंचायत ओडीएफ घोषित होने की राह पर
एक दिन में रिकॉर्ड सोख्ता का निर्माण करा डीएम ने दर्ज कराया लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
में सीतामढ़ी का नाम

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