विकास के नाम पर होगा इस बार का चुनाव
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सामान्य सीट होने से लड़ने की तैयारी में सभापति
विकास के नाम पर होगा इस बार का चुनाव वार्ड-5 सामान्य महिला वर्ग के लिए सुरक्षित होने के चलते वर्तमान वार्ड पार्षद युगेश्वर पासवान इस बार चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. विकास से कोसों दूर वार्ड-4 में समस्या ही समस्या है. इसलिए इस बार का चुनाव विकास के नाम पर होने की उम्मीद जतायी जा रही […]
वार्ड-5 सामान्य महिला वर्ग के लिए सुरक्षित होने के चलते वर्तमान वार्ड पार्षद युगेश्वर पासवान इस बार चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. विकास से कोसों दूर वार्ड-4 में समस्या ही समस्या है. इसलिए इस बार का चुनाव विकास के नाम पर होने की उम्मीद जतायी जा रही है. आरक्षण के पेच के चलते वर्तमान पार्षद जुगेश्वर पासवान इस बार अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाने की तैयारी में हैं. हालांकि सामान्य वर्ग की महिला के लिए आरक्षित कर दिये जाने से इस बार वार्ड के कई दिग्गज अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाने की तैयारी में जुट गये हैं.
जानकार : जानकार राधेश्याम कुमार की मानें तो वार्ड में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है. वार्ड के लोग हर बार नयी उम्मीद के साथ पार्षदों को जीताकर भेजते हैं, लेकिन हर बार नतीजा ढ़ाक के तीन पात जैसा निकलता है. इसलिए इस बार का चुनाव वार्ड के विकास के नाम पर होने वाला है. सामान्य महिला सीट होने से कई दिग्गजों के चुनाव मैदान में आने की संभावना है.
जानकी स्थान मंदिर से सटे वार्ड-5 की आबादी करीब ढ़ाई हजार है. इसमें दलित-महादलित व पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग की संख्या अधिक है. वार्ड को सामान्य सीट में तब्दील कर दिया गया है. यहां से इस बार नगर परिषद के वर्तमान सभापति सुवंश राय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. सभापति वर्तमान में वार्ड-1 के पार्षद व निवासी भी हैं. वार्ड-1 के आरक्षित हो जाने के चलते इस बार उन्हें वार्ड-5 ही अपना सेफ वार्ड लग रहा है. हालांकि इस सीट से कई दीपलाल राउत समेत आधा दर्जन लोगों के चुनाव लड़ने की संभावना है. सभापति के चुनाव लड़ने से वार्ड-5 पर इस बार सबकी नजर रहने वाली है.
आरक्षण के पेच के चलते इस बार वर्तमान पार्षद जुगेश्वर पासवान चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. हालांकि अपनी सीट से वे इस बार अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहे हैं. उन्हें लगता है कि वार्ड की जनता के साथ उनका मधुर व्यवहार व सीधा संपर्क का लाभ उनकी पत्नी को मिलेगा. इसलिए वे इस बार अपने वार्ड से अपनी पत्नी की किस्मत आजमाने का फैसला किया है.
वैसे तो इस बार आधा दर्जन से भी अधिक उम्मीदवार के चुनाव मैदान में आने की संभावना जतायी जा रही है, लेकिन मो जमील अख्तर प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. जमील अख्तर ने चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी है. जमीर अख्तर का मानना है कि वर्षों से वे समाज सेवा से जुड़कर वार्ड की जनता से जुड़े हुए हैं.
इसका फायदा उन्हें इस बार मिलने की पूरी उम्मीद है.
सामान्य सीट होने के बाद वर्तमान पार्षद विनीता देवी इस बार चुनाव नहीं लडेंगी. हालांकि उनकी ही जाति से दीपलाल राउत व नगर सभापति सुवंश राय समेत करीब आधा दर्जन अन्य प्रत्याशी के चुनाव लड़ने की उम्मीद जतायी जा रही है. पार्षद विनीता देवी का मानना है कि यदि आरक्षण का रोस्टर नहीं बदलता तो इस बार वे फिर से चुनाव मैदान में उतर सकती थी.
नगर सभापति सुवंश राय इस बार वार्ड-5 से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. उन्हें लगता है कि वार्ड-1 व शहर में उनके द्वारा करोड़ों की लागत किये गये विकास कार्यों का उन्हें फायदा मिलेगा. उनका मानना है कि वार्ड-5 के लोग उनके विकास कार्यों को देखते हुए उन्हें अपने वार्ड से चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किये हैं.
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