पीएचइडी के रवैया से वनवासियों में दिख रहा आक्रोश
रजी अहमद ख़ान, अकबरपुर रोहतासगर्मी शुरू होने से पहले पेयजल संकट उतन्न होने लगा है. कैमूर पहाड़ी के आधा दर्जन से अधिक गांवों के लोग सोलर टैंक, चापानल, नदी व कुएं के सहारे अपनी प्यास बुझाते हैं. लेकिन, अब सरकार की ओर से लाखों रुपये खर्च कर पहाड़ी पर बसे गांवो के वनवासियों के लिए की गयी पेयजल की व्यवस्था फेल हो गयी है. इस कारण उक्त गांवों की लगभग 10 हजार की आबादी अभी से ही पानी के लिए जद्दोजहद करने पर मजबूर हो गयी है. कैमूर पहाड़ी पर बसे उन गांवों के ग्रामीण अशोक उरांव, अरविंद उरांव कोडियारी, मनोज यादव, परीखा यादव, श्याम लाल उरांव, श्याम नारायण उरांव आदि कहते हैं कि हमें सरकार से मिले सोलर टैंक, हर घर नल-जल व चापा नल खराब हो गये हैं. इस कारण अभी से ही हमलोगों को पीने की पानी के लिए तरसना पड रहा है. अभी ठीक से गर्मी की शुरुआत भी नहीं हुई है, तब तो यह हाल है. जब भीषण गर्मी शुरू हो जायेगी, तो हमसब पानी के अभाव में पहाड़ी पर स्थित गांव में कैसे जीवन यापन कर पायेंगे. यह सोच कर ही दिल दहल जाता है.
शिकायत के बाद भी पीएचइडी ने नहीं की पहल
उक्त लोगों ने कहा कि अभी प्रतिदिन दो से तीन किलोमीटर की दूरी तय कर हमें पीने की पानी लाना पड़ रहा है. ऐसा नहीं है कि इस संबंध में स्थानीय प्रशासन को कोई जानकारी नहीं है. हमलोगों ने कई बार पीएचइडी विभाग के कर्मियों व अधिकारियों से इसकी शिकायत की है. उनसे मदद की गुहार भी लगायी गयी. लेकिन, उक्त विभाग के कर्मी व पदाधिकारी हमसबों की बातों की अनसुनी कर रहे हैं. इस कारण पहाड़ी पर स्थित गांव के सैकड़ों परिवारों को गर्मी का भय अभी से सता रहा है.दो-तीन किमी दूर तक पानी के लिए भटकना रहे वनवासी
विदित हो कि कैमूर पहाड़ी स्थित रोहतास गढ़ पंचायत लगभग 40 किलोमीटर में फैली हुई है. उक्त पंचायत में छोटे बड़े लगभग 27 गांवों के लोग बसते हैं. इसकी आबादी करीब एक लाख होगी. सरकार की ओर से उक्त पंचायत के निवासियों के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाए चलायी गयीं. इसमें वनवासियों को सोलर टैंक, चापा नल के अलावा कई जगह पर बोर करा कर पानी की व्यवस्था की गयी. मगर चिंता की बात यह है कि कई महीनों से सोलर टैंक के साथ-साथ कई चापा नल खराब हो गये हैं. हालत यह है कि रोहतास गढ़ पंचायत के लोगों को दो से तीन किलोमीटर दूर तक पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. जंगल के प्राकृतिक चुआ से पानी लाने के लिए महिलाओं को अहले सुबह घर से निकलना पड़ रहा है. जंगली इलाका में गढ़ा वाले रास्ते व उस पर जंगली जानवरों का खतरा होने से भय के साये में महिलाओं को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है.इन गांवों में सबसे अधिक परेशानीपीने की पानी को लेकर माधा, राणाडीह, छोटका बुधवा, चूअड़या, भवनवा, नागाटोली व बरहमदेवता जैसी जगहों पर सबसे अधिक परेशानी हो रही है. पहाड़ के बड़का बुधवा, रानी बाग, भूलना,चाकडी के साथ-साथ अनेको गांव में सोलर टैंक खराब हो गयी हैं. चापानल भी खराब हो चुका है. इससे कई स्कूलों के बच्चों को भी पीने की पानी को लेकर काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
कहते हैं मुखिया :
जिलाधिकारी से पानी की समस्या को दूर करने के लिए आवेदन दिया हूं. पीएचइडी विभाग में पत्राचार किया हूं. कई सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भी पीने का पानी की दिक्कत हो रही है. इस संबंध में संबंधित विभाग को भी सूचना दिया गया है, लेकिन अब तक किसी भी प्रकार की कोई कारगर कार्रवाई नहीं होने से वनवासियों में संबंधित विभागों के अधिकारियों के प्रति नाराजगी है. आग्रह है कि संबंधित विभाग के अधिकारी बनवासियों की पेयजल की समस्या को यथा शीघ्र दूर करें, ताकि गर्मी में पीने की समस्या से लोगों को निजात मिल सके.नागेंद्र यादव, मुखिया, रोहतास गढ़ पंचायत
कहते हैं आधिकारी
वनवासियों के क्षेत्र में जो भी समस्या है, उसे जिलाधिकारी के आदेश के अनुसार यथासंभव प्रयास कर दूर किया जा रहा है. अभी हाल के दिनों में संवेदक को सूचना दी गयी है. नल-जल योजना के तहत जितनी खराबी है, उसे जल्द से जल्द दूर करने की कोशिश जारी है.
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मध्य विद्यालय बभन तलाब, ग्राम धंसा खरवार टोला व ग्राम आमडी में सोलर टैंक बंदइन गांवों में सोलर टैंक व नल बंद
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# सतगलिया के वार्ड नंबर आठ, कौड़ियारी वार्ड नंबर सात में मुखिया टोला, धनसा वार्ड नंबर तीन, धनसा वार्ड नंबर दो में खरवार टोला, नागाटोली वार्ड नंबर 12, बभन तलाव में भूलना टोला, भवनवा में गांव से पक्षिम मे सोलर पंप बंद.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है