चेनारी़ शहीद दिलीप कुमार पासवान अमर रहे…शहीद के खून का एक-एक कतरा वीर जवानों को ताकत देगा. वंदे मातरम्, भारत माता की जय आदि नारों के साथ शहीद दिलीप कुमार की चेनारी नगर पंचायत की मुख्य सड़क पर शव यात्रा निकाली गयी. सभी की आंखें नम थीं. पार्थिव शरीर सेमरी गांव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया.
जानकारी के अनुसार, जवान दिलीप कुमार नौ अप्रैल को छत्तीसगढ़ के चिन्नाकोड़ेपाल क्षेत्र में पेट्रोलिंग के दौरान प्रेशर बम की चपेट में आ गये. इससे वे घायल हो गये. दिलीप कुमार सीआरपीएफ के 196 बटालियन का जवान थे. अधिकारियों ने बताया कि सीआरपीएफ के दल को चिन्नाकोड़ेपाल क्षेत्र में गश्त के लिए रवाना किया गया था. दल जब कोड़ेपाल नाले के करीब पहुंचा, तो जवान का पैर प्रेशर बम के ऊपर चला गया. इससे बम में विस्फोट हो गया और जवान गंभीर रूप से घायल हो गया. उन्होंने बताया कि जवान के दोनों पैर में गंभीर चोटें पहुंची है और जवान को उपचार के लिए बीजापुर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां प्राथमिक उपचार किया जा रहा था. उनकी हालत खराब होते देख सेवा के अधिकारियों ने उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया. जहां मंगलवार की रात करीब दो बजे उन्होंने अंतिम सांस ली.1:00 बजे चेनारी थाना परिसर पहुंचा पार्थिव शरीर
सीआरपीएफ के जवान शहीद दिलीप कुमार पासवान का पार्थिव शरीर बुधवार की रात 1:00 बजे चेनारी थाना परिसर में पहुंचा. गुरुवार की सुबह 6:00 बजे से ही शहीद के शव के दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा. तिरंगा लहराते लोग नारा लगाने लगे. शहीद जवान के पैतृक गांव सेमरी में प्राथमिक विद्यालय के प्रांगण में तिरंगे में लिपटे शहीद के शव को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. परिजनों के साथ सीआरपीएफ के डीआइजी, सीओ एसपी, विधायक, सीआरपीएफ जवान व लोगों ने श्रद्धा-सुमन अर्पित किया. इसके बाद सैनिकों ने शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया. शहीद दिलीप कुमार पासवान की शवयात्रा चेनारी थाना परिसर से डाक बंगला मार्केट, वीआइपी कॉलोनी, पुरानी मछली मंडी, इंदिरा चौक, गांधी चौक से होते हुए लगभग चार किलोमीटर दूरी तय कर शहीद के पैतृक गांव पहुंची. शव यात्रा में हजारों की भीड़ साथ चल रही थी. शव यात्रा में शामिल लोगों में नक्सलियों व आतंकियों के प्रति आक्रोश झलक रहा था. शहीद के 10 वर्षीय बड़े पुत्र रजनीश रंजन ने मुखाग्नि दी.परिजनों के चीखपुकार से हर किसी की आंखें हुईं नम
शहीद सीआरपीएफ जवान दिलीप कुमार पासवान की शहादत पर पूरा चेनारी प्रखंड का हर काई व्यक्ति रोया. अपने वीर सपूत के अंतिम दर्शन को आये ग्रामीणों की आंखें नम रही. शहीद का शव घर के दरवाजे पर रखा गया, तो मां मनोरमा देवी के सब्र का बांध टूट गया. वह दहाड़ मार कर रो पड़ीं. वहीं, पत्नी अनीता देवी, बेटा रजनीश रंजन अनमोल और बेटी संध्या कुमारी सहित घर व गांव की महिलाओं के क्रंदन से माहौल और गमगीन हो गया. शहीद के छोटे भाई महावीर पासवान और राकेश पासवान अपने आंखों में आंसू को छिपाने की कोशिश कर रहे थे. छोटे भाई के पार्थिव शरीर को जमीन पर बैठ एक टक निहारे जा रहे थे. कुछ महिलाएं शाहिद के छह वर्षीय पुत्र अनमोल कुमार को देख कहती रही, वाह रे भगवान की लीला. इस मासूम की क्या गलती है? जिसने अपने पिता को गोद में लंबे समय तक बैठकर नहीं बिताया कि उसके सिर से उसका साया उठ गया.बेकार नहीं जायेगी शहीद दिलीप की शहादत
बिहार सरकार की पूर्व पंचायती राज्य मंत्री व स्थानीय विधायक मुरारी प्रसाद गौतम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के द्वारा बिछाये गये प्रेशर बम ब्लास्ट में शहीद हुए दिलीप कुमार पासवान की शहादत बेकार नहीं जायेगा. नक्सलियों का नामोनिशान मिटा दिया जायेगा. केंद्र की सरकार नक्सलियों और आतंकवादियों के विरुद्ध कड़ा रुख अपना रही है. नक्सलियों को चुन-चुन कर मरा जायेगा. तभी दिलीप जैसे हमारे जवान शहीद नहीं होंगे. वहीं, विधायक ने कहा कि शहीद जवान के नाम से एक सप्ताह के भीतर गेट का निर्माण के लिए शिल्यानास कर दिया जायेगा. शिल्यानास की साथ-साथ शहीद के नाम पर गेट का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया जायेगा. वहीं, पूर्व विधायक ललन पासवान ने शहीद दिलीप कुमार पासवान के परिजनों को हर संभव सहयोग देने का भरोसा दिलाया है. कहा है कि शहीदों की शहादत बेकार नहीं जायेगी. छत्तीसगढ़ की घटना को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार पूरी गंभीर है और नक्सलियों से बदला लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ से ही नहीं पूरे भारत के हर जिलों में से नक्सलवाद को समाप्त कर दिया जायेगा. पूर्व विधायक ने कहा कि देश के अन्य नक्सल प्रभावित राज्यों की तुलना में कम हुआ है, उसी का परिणाम है कि हताशा में नक्सली ऐसी हरकतें कर रहे हैं.
हमने दिलीप को खोया, अब दुश्मनों को खोज कर मारेंगे : सीआरपीएफ डीआइजी
हमने जिस तरह दिलीप को हमलोगों ने खोया है. इसके बदले हमलोग दुश्मनों को खोज कर मारेंगे. उसकी शहादत कभी बेकार नहीं जाने दी जायेगी. उक्त बातें सीआरपीएफ के डीआइजी अचीतानंद ने सिमरी गांव में शहीद को श्रद्धांजलि पीने के दौरान यह बातें कहीं. उन्होंने कहा कि शहीद दिलीप कुमार पासवान ने इस देश व अपने गांव का नाम ऊंचा करने के लिए वीरता पूर्वक कदम उठाया. उनकी माता व परिवार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने ऐसे लाल को जन्म दिया, जो सब कुछ छोड़कर देश के लिए शहीद हुए है.
शहीद को स्कूली बच्चों ने दी सलामी
सीआरपीएफ जवान दिलीप कुमार पासवान की शव यात्रा नगर पंचायत क्षेत्र के डाक बंगला परिषद के सभी जैसे ही पहुंची. वहां पर स्कूल जाने के लिए अपनी वहां का इंतजार कर रहे थे. पैराडाइज चिल्ड्रन एकेडमी की छोटी-छोटी बच्चों ने शहीद जवान को सलामी दे रहे थे. यह दृश्य देखकर सीआरपीएफ जवानों ने अपने वाहन को रोककर बच्चों को सलामी दी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है