जिले में करीब 25 फीसदी धान कटनी है बाकी,
प्रतिनिधि,सासाराम ग्रामीणसर्दी के मौसम में तीन दिनों से पड़ रहा कोहरा गेहूं की फसल के लिए काफी लाभदायक है. पिछले वर्ष की तरह अबकी बार भी कोहरा पड़ने के कारण क्षेत्र में गेहूं की फसल रिकॉर्ड तोड़ होने की संभावना है. लेकिन, जिले में शेष पड़े धान कटनी के लिए यह कोहरा अभिशाप साबित हो रहा है. अब तक धान की खेती के लक्ष्य के अनुपात में जिले में करीब 25 फीसदी धान कटनी बाकी है. इसका मुख्य कारण नवंबर माह में हुई बारिश है. जिससे अब तक खेतों में अधिक नमी होने के कारण कंबाइन हार्वेस्टर नहीं चल पा रहे है. कृषि वैज्ञानिक के अनुसार गेहूं की फसल के लिए लगातार कोहरा और सर्दी पड़ना अच्छा है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार किसान अब अपनी गेहूं की फसल में हल्के पानी की सिंचाई करें, ताकि जो गेहूं के पौधे छोटे हैं, वह भी जमीन से ऊपर आ सकें. जिले में मौसम के पलटवार के साथ शुरू हुए सर्दी के असर के बीच कोहरा फसलों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है. इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी प्रभाकर कुमार ने बताया कि ओस की बूंदें रबी की फसल को नवजीवन देने वाली साबित होगी. कोहरे ने किसानों के चेहरों पर खुशी ला दी है. जिले में मौसम का बदला मिजाज गेहूं, सरसों, मटर आदि के लिए अमृत बन गया हैं. गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से जिलेभर में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. साथ ही आने वाले दिनों में सर्दी और बढ़ने की संभावना है, जो रबी फसल के लिए फायदेमंद होगी.
रबी फसलों को होगा लाभ
कृषि विभाग के विशेषज्ञों के मुताबिक नवंबर में सर्दी कम पड़ी. वहीं, सर्दी के लिहाज से दिसंबर की शुरुआत फीकी रही. फसलों पर विपरीत असर पड़ने की आशंका ने किसानों की चिंता बढ़ा दी थी. फसलों की बेहतरी के लिए वातावरण अनुकूल होना जरूरी था. वहीं, अधिक तापमान के कारण फसलों में कीट प्रकोप और बीमारियों का खतरा रहता है. पौधों का उठाव अच्छा नहीं होगा, तो फसल उत्पादन पर विपरीत असर होता है. लेकिन दिसंबर के अंत में ठंड बढ़ने से किसानों के चेहरे एक बार फिर से खिल गये हैं. अब जो ठंड की स्थिति बनी है, उससे रबी फसलों को लाभ होगा.
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