शिवसागर. गर्मी का तापमान बढ़ने के साथ ही प्रखंड के पहाड़ी क्षेत्रों के गांवों से लेकर मैदानी भागों में भी जलस्तर काफी नीचे चला गया है. यहां तक कि अभी से ही क्षेत्र का लगभग सरकारी चापाकल खराब हो गया है. हर गांव में एक या दो सरकारी चापाकलों से गांव के लोग काम चला रहे हैं. ऐसे में अब हर जगह लगी नल जल के पानी पर ही अधिकतर लोग आश्रित हैं. लेकिन, कहीं टंकी फटी है, तो कही पाइपलाइन का काम ही नहीं हो सका है. ऐसे में लोगों के समक्ष पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है. सोनहर पंचायत के सेंदुआर गांव के वार्ड नंबर 12 में लगी नल जल की टंकी एक वर्ष पूर्व ही फट गयी थी. इसको लगाने के लिए ग्रामीण व जनप्रतिनिधि प्रखंड के अधिकारी से लेकर पीएचइडी तक गुहार लगाते रहे हैं. पिछले वर्ष की गर्मी तो किसी तरह बीत गयी थी. लेकिन, फिर से गर्मी का समय शुरू हो गया. गांव के लोगों के समक्ष पेयजल संकट भी गहराने लगा है. इसके बावजूद अभी टंकी लगने की कोई उम्मीद नही दिख रही है. अधिकारियों से शिकायत के बाद भी आश्वासन के सिवा कुछ नही मिलता है. इससे गांव के लोगों में आक्रोश व्याप्त है. इस संबंध में ग्रामीणों वार्ड सदस्य सोनी कुमारी, ग्रामीण सोनू गुप्ता, रामानंद गुप्ता, पप्पू यादव, कन्हैया यादव, रमेश गुप्ता का कहना है कि नल जल की टंकी फटी थी. हालांकि, कभी-कभार सबमर्सिबल को चालू किया जाता है. यहां की लगभग आबादी सरकारी चापाकल व नल जल पर ही निर्भर है. ऐसे में विभाग के अधिकारियों को प्रमुखता से यहां पेयजल का प्रबंध करना चाहिए.
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