15 नवंबर के बाद सीएचसी में अब तक 150 से अधिक मरीजों का हो चुका उपचार प्रतिनिधि, कोचस.
प्रखंड के विभिन्न हिस्सों में वायु प्रदूषण बढ़ने से श्वास रोग के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इससे प्रभावित लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. 80 वर्षीय रामचंद्र सिंह, 54 वर्षीया रमावती कुंवर, 75 वर्षीय सत्यनारायण पासवान, 44 वर्षीया संतोषी देवी, 55 वर्षीय गंगा राम, 36 वर्षीया मनोरमा देवी और 30 वर्षीय कौशल कुमार ने बताया कि पिछले एक महीने से उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है, जबकि इससे पहले ऐसी कोई समस्या नहीं थी. चिकित्सकों ने भी पुष्टि की है कि हाल के दिनों में वायु प्रदूषण में तेजी से वृद्धि हुई है और इसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. पर्यावरण में वायु प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण मौसम में बदलाव, खुले में कूड़ा-कचरा और फसलों के अवशेष जलाना बताया जा रहा है. इसके अलावा वाहनों का धुआं, घरेलू रसायन, निर्माण स्थलों से उड़ने वाले धूल कण और खेतों में अत्यधिक उर्वरकों का उपयोग भी वायु को दूषित कर रहा है, जो स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए घातक है.घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग अवश्य करें
इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ तुषार कुमार ने बताया कि सीएचसी की ओपीडी में प्रतिदिन चार से पांच श्वास रोग से पीड़ित मरीजों का उपचार किया जा रहा है. 15 नवंबर के बाद अब तक 150 से अधिक श्वसन रोग से संबंधित मरीजों का इलाज किया जा चुका है. चिकित्सकों द्वारा मरीजों को आवश्यक दवाओं के साथ विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है. डॉ तुषार कुमार ने बताया कि श्वसन रोग से पीड़ित लोगों को गर्म कपड़े पहनने, सुबह-शाम नंगे पैर नहीं चलने और नियमित रूप से मास्क का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है. उन्होंने कहा कि इस स्थिति में थोड़ी सी लापरवाही भी गंभीर रूप ले सकती है. वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव से अस्थमा, सीओपीडी, ब्रोंकाइटिस, फेफड़े का कैंसर, हृदय रोग, तंत्रिका संबंधी समस्याएं और जठरांत्र विकार उत्पन्न हो सकते हैं. उन्होंने लोगों से अपील की कि घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग अवश्य करें और सतर्कता बरतें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

