पैक्स टैगिंग नहीं होने से धान अधिप्राप्ति बाधित, कार्रवाई की चेतावनी
प्रतिनिधि, कोचसप्रखंड क्षेत्र की लहेरी पैक्स में 15 नवंबर से अब तक 41 दिनों में महज एक किसान से 12 क्विंटल धान की अधिप्राप्ति कर खानापूर्ति की गयी है. इससे पैक्स क्षेत्र के विभिन्न किसानों में सहकारिता विभाग के प्रति नाराजगी का माहौल बना हुआ है. किसानों संतोष तिवारी, मनोज चौबे, श्रीधर सिंह, संतोष पाठक, रामामुनी सिंह, जगेश्वर पासवान, द्वारिका कुशवाहा सहित अन्य ने बताया कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण किसान अपनी धान को औने-पौने दाम पर अन्य व्यापारियों के हाथों बेचने को विवश हैं. किसानों का कहना है कि धान अधिप्राप्ति को लेकर कई बार स्थानीय अधिकारियों को सूचित किया गया, लेकिन किसी ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई. इसके चलते पैक्स के सैकड़ों किसानों को अपनी धान अन्य व्यापारियों को बेचने के लिए बाध्य होना पड़ा है. जानकारी के अनुसार, लहेरी पैक्स में धान अधिप्राप्ति के लिए विभाग की ओर से पहली किस्त के तौर पर 20 लाख रुपये की राशि आवंटित की गयी थी. इसके बावजूद अधिकारियों ने खानापूर्ति के तौर पर तेतरियां गांव निवासी चंद्रमा उपाध्याय से महज 12 क्विंटल धान की खरीद कर इतिश्री कर ली. इधर, किसानों का कहना है कि अधिकारियों की अदूरदर्शिता के कारण अधिप्राप्ति शुरू होने के 41 दिनों बाद भी पैक्स के अधिकांश किसानों से धान की अधिप्राप्ति नहीं हो सकी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में बीसीओ कुणाल कुमार ने बताया कि पैक्स टैगिंग के लिए डीसीओ से पत्राचार किया गया था, लेकिन टैगिंग नहीं होने के कारण धान अधिप्राप्ति बाधित हुई है. वहीं, प्रखंड नोडल पदाधिकारी (धान अधिप्राप्ति) सह वरीय उपसमाहर्ता विनय प्रताप ने बताया कि डीएम द्वारा लहेरी पैक्स में धान अधिप्राप्ति के लिए बीसीओ को प्रशासक के तौर पर नियुक्त किया गया है. उन्होंने कहा कि धान अधिप्राप्ति में लापरवाही बरतने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.
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