हर सरकारी स्कूल में बनेगा हेल्प डेस्क, पोर्टल पर चढ़ेगा पूरा डाटा 06-14 और 15-19 आयु वर्ग के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की पहल तेज उम्रा के अनुसार उपयुक्त कक्षा में नामांकन दिलाने की होगी व्यवस्था फोटो-16- जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय. प्रतिनिधि, सासाराम ऑफिस स्कूल से बाहर रहे 06 से 14 वर्ष और 15 से 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की पहचान के लिए जिले में 22 दिसंबर से डोर टू डोर सर्वे की शुरुआत होगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार हाउसहोल्ड सर्वे को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है, ताकि ऐसे सभी बच्चों की खोज कर फिर से शिक्षण प्रणाली से जोड़ा जा सके. जिला शिक्षा विभाग ने इस दिशा में तैयारी तेज कर दी है. इस सर्वे के माध्यम से 06-14 वर्ष के उन बच्चों को चिह्नित किया जायेगा, जो किसी कारणवश स्कूल में नामांकित नहीं हैं. इन्हें उम्रानुसार उपयुक्त कक्षा में नामांकन दिलाने की व्यवस्था की जायेगी. साथ ही 15-19 वर्ष के ऐसे किशोरों की भी पहचान होगी, जिन्होंने किसी वजह से 10वीं या 12वीं की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी है. उनकी शैक्षणिक प्रगति को पुनः पटरी पर लाने के लिए आवश्यक कदम उठाये जायेंगे. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सर्व शिक्षा अभियान रोहित रोशन ने बताया कि सर्वे शुरू होने से पहले सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में एक हेल्पडेस्क गठन करने का निर्देश दिया गया है. यह हेल्पडेस्क सर्वे से जुड़ी सभी जानकारी, शिकायतों के समाधान और नामांकन से संबंधित आवश्यक मार्गदर्शन उपलब्ध करायेगा. उन्होंने बताया कि सर्वे के दौरान जुटायी गयी जानकारी को व्यवस्थित रूप से प्रबंधन पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा, जिससे हर बच्चे का रिकॉर्ड सुरक्षित और पारदर्शी रूप से उपलब्ध रहेगा. विभाग का लक्ष्य स्पष्ट है जिले में कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर नहीं रहे. उम्मीद है कि इस विशेष अभियान के माध्यम से सभी आयु वर्ग के छूटे हुए बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़कर उनका भविष्य सशक्त और सुरक्षित बनाया जा सकेगा.
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