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Saran News : जिले में महिला संवाद कार्यक्रम में 3.83 लाख महिलाओं ने दर्ज करायी भागीदारी

सारण जिले में चल रहे ‘महिला संवाद कार्यक्रम’ ने अपने 40 वें दिन तक एक नयी उपलब्धि हासिल कर ली है. जिले के 20 प्रखंडों से अब तक लगभग 3.83 लाख महिलाओं ने इस कार्यक्रम में भागीदारी दर्ज करायी है.

छपरा. सारण जिले में चल रहे ‘महिला संवाद कार्यक्रम’ ने अपने 40 वें दिन तक एक नयी उपलब्धि हासिल कर ली है. जिले के 20 प्रखंडों से अब तक लगभग 3.83 लाख महिलाओं ने इस कार्यक्रम में भागीदारी दर्ज करायी है. कार्यक्रम के दौरान अब तक कुल 39,647 आकांक्षाएं संकलित की जा चुकी है. कार्यक्रम के तहत प्रत्येक आयोजन स्थल पर जागरूकता वाहनों के माध्यम से वीडियो फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है. जिसमें बिहार सरकार की महिलाओं के हित में चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी जा रही है. इसके साथ ही, योजनाओं को सरल भाषा में समझाने के लिये लीफलेट्स भी वितरित किये जा रहे हैं.

बुधवार को गड़खा प्रखंड के सरगट्टी पंचायत स्थित काजल ग्राम संगठन में आयोजित संवाद सत्र में सारण के जिलाधिकारी अमन समीर ने स्वयं उपस्थित होकर महिलाओं से सीधा संवाद किया. उन्होंने महिलाओं को सरकार की विभिन्न योजनाओं में भागीदारी और नेतृत्व के लिए प्रेरित किया. इस दौरान महिलाओं ने ग्रामीण क्षेत्रों में लघु एवं कुटीर उद्योगों की स्थापना, स्थायी बाजार व्यवस्था, तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र, पशुपालन हेतु सरल ऋण व्यवस्था, पारंपरिक उत्पादों के लिए प्रशिक्षण एवं विपणन की सुविधा जैसे महत्वपूर्ण सुझाव दिये. इसके अलावा, उपस्थित छात्राओं ने स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की ऋण सीमा चार लाख से बढ़ाकर पंद्रह लाख रुपये किये जाने की मांग रखी. जिससे उच्च शिक्षा और भी सुलभ हो सके. बाकि प्रखंडों में आयोजित संवाद सत्र में महिलाओं ने गांवों में सड़कों की मरम्मत, नालियों की साफ-सफाई, सामुदायिक शौचालय, विधवा पेंशन में वृद्धि, राशन दुकानों की स्थापना, दिव्यांग भत्ता और स्नातक स्तरीय कॉलेज की आवश्यकता जैसी जमीनी मुद्दों को भी उठाया. गौरतलब है कि यह संवाद केवल जीविका समूहों तक सीमित नहीं है. बल्कि वे महिलाएं भी शामिल हो रही हैं जो किसी समूह से नहीं जुड़ी हैं.

जिलाधिकारी अमन समीर की सक्रिय भागीदारी और संवेदनशील नेतृत्व ने ‘महिला संवाद कार्यक्रम’ को सारण जिले में एक प्रेरक पहल बना दिया है. यह स्पष्ट होता है कि जब प्रशासन सहयोगी और सहभागी भूमिका निभाता है, तब सामाजिक बदलाव की प्रक्रिया और अधिक प्रभावशाली हो जाती है.कार्यक्रम में डी पी एम जीविका – अरुण कुमार, प्रबंधक सूक्ष्म वित्त मनोज कुमार, बीपीएम जीविका विमल कुमार, सामुदायिक समन्वयक जय प्रकाश गुप्ता, शिवप्रकाश एवं सैकड़ों जीविका एवं गैर जीविका महिलाएं उपस्थित रहीं.

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