छपरा. शोध छात्र संगठन आरएसए के प्रतिनिधिमंडल ने छात्र-छात्राओं की विभिन्न शैक्षणिक एवं परीक्षा संबंधी समस्याओं को लेकर परीक्षा नियंत्रक से वार्ता की. बैठक के दौरान अंकपत्रों में गड़बड़ी और अनियमितताओं का मुद्दा उठाया गया. छात्र नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि वार्ता के दौरान विभागीय अधिकारी द्वारा अवैध रूप से रुपयों की मांग की गयी. जिसके विरोध में संगठन के सदस्यों ने प्रतिवाद करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया. यह प्रदर्शन परीक्षा नियंत्रक कार्यालय के मुख्य द्वार पर ही किया गया. छात्र नेताओं ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में जातिवाद एवं भ्रष्टाचार चरम पर है. उनका कहना था कि कुलपति की कार्यशैली के कारण गरीब एवं साधनहीन छात्र-छात्राओं के लिए उच्च शिक्षा अभिशाप बनती जा रही है. आंदोलन के दौरान विश्वविद्यालय पदाधिकारी वार्ता हेतु पहुंचे परंतु आरएसए कार्यकर्ता अपनी मांगों पर अड़े रहे. संगठन द्वारा निम्नलिखित प्रमुख मांगें रखी गयी. जिसमें सत्र 2023-27 द्वितीय सेमेस्टर का रिजल्ट सुधार करने, 2023-27 एवं 2024-28 द्वितीय सेमेस्टर के अंकपत्र उपलब्ध कराने, पूर्ववर्ती छात्र के रूप में जिन छात्रों ने परीक्षा दी थी, उनके अंकपत्र विश्वविद्यालय ने अब तक महाविद्यालय को नहीं भेजे हैं. इन्हें तुरंत उपलब्ध कराया जाये. महाविद्यालय सहायता केंद्र द्वारा भेजे गये आवेदनों पर कार्रवाई करने, आंतरिक मूल्यांकन में हुई गड़बड़ी की जांच, हिन्दी विषय में सामूहिक रूप से छात्रों को अनुत्तीर्ण करने की जांच आदि की मांग रखी गयी. प्रदर्शन में संगठन के मनीष पांडेय मिंटू, विवेक कुमार विजय, विकास सिंह, अबुल हसन सोनू, जयराम कुमार, अफजल कुमार, सुनील कुमार, सुनीता कुमारी, बबीता कुमारी, रेशमा कुमारी सहित दर्जनों छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे. इस संदर्भ में परीक्षा नियंत्रक डॉ अशोक कुमार मिश्रा ने कहा कि जितने भी परीक्षा परिणाम पेंडिंग हैं या जो अंक पत्र में गड़बड़ी हुई है उन सब के सुधार की प्रक्रिया चल रही है. किसी प्रकार के अवैध वसूली की बात नहीं हुई है. यह आरोप पूरी तरह गलत व भ्रामक है.
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