40 लाख की आबादी वाले सारण में सिर्फ पांच वेंटिलेटर कोरोना से लड़ने के लिए बढ़ानी होंगी व्यवस्थाएं, तभी जीतेंगे जंगबाहर से आये संदिग्धों के सैंपल टेस्ट की रफ्तार धीमी नोट:फोटो नंबर 14 सीएचपी 11 है कैप्सन होगा-सदर अस्पताल के आइसीयू में मौजूद वेंटिलेटर संवाददाता-छपरा. कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या नहीं बढ़ी है. सारण में एकमात्र कोरोना वायरस पीड़ित मरीज का चौथा टेस्ट निगेटिव आया और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी. इसके बाद अब जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या एक भी नहीं है. बिहार में यह आंकड़ा साठ से ऊपर है. कोरोना वायरस के लिहाज से सारण जिला अब तक सुरक्षित रहा है. लेकिन यहां मामले आते हैं तो इससे निबटना इस बात पर निर्भर करता है कि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की तैयारी इस महामारी से निबटने के लिए कितनी है.
लगभग 40 लाख की आबादी वाले सारण जिले में स्वास्थ्य विभाग के पास सिर्फ पांच वेंटिलेटर है. सारण के सिविल सर्जन ने बताया कि फिलहाल छपरा सदर अस्पताल के पास पांच वेंटिलेटर मौजूद हैं और आइसीयू भी फंक्शनल है. यदि यहां कोरोना वायरस के मामले बढ़ते हैं तो गंभीर मामलों में वेंटिलेटर कम पड़ जायेंगे. ऐसे में वेंटिलेटर की संख्या बढ़ाने की जरूरत हैदूसरे राज्यों से सारण लौटे लोगों को टेस्ट कराना जरूरी सोमवार की शाम तक के आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस को लेकर सारण जिले से अब तक मात्र 218 सैंपल ही टेस्ट किये गये हैं. लोगों का मानना है कि जिले में सैंपल की टेस्टिंग काफी धीमी है. कुछ लोगों ने बताया कि हेल्थ डिपार्टमेंट को एक दिन में ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करने चाहिए. इस हिसाब से काफी कम लोगों की टेस्टिंग हुई है. दरअसल यह वायरस बहुत तेजी से अपना आरएनए बदल रहा है और जितने लोग भी विदेश से या फिर दूसरे राज्यों से सारण लौटे हैं.
उनका टेस्ट कराना जरूरी है. इसुआपुर से लौटे युवक में भी कोरोना का कोई लक्षण नहीं था फिर भी उसका टेस्ट पॉजिटिव आया था. ऐसे में जितने भी लोग विदेशों व दूसरे राज्यों से आये हैं उनका टेस्ट करना जरूरी है.मुहल्ले स्तर पर लॉकडाउन का नहीं हो रहा पालन वैसे तो देश भर में लॉकडाउन है, लेकिन सारण के कई ऐसे इलाके हैं, जहां लोग इसका उल्लंघन कर रहे हैं. ऐसे में संक्रमण बढ़ने का खतरा हो सकता है. सड़कों पर वाहनों का परिचालन कम नहीं हो रहा है. गली मोहल्लों में लोग खुलेआम घूमते नजर आ रहे हैं.
सब्जी मंडियों में भी लोगों की भीड़ लगी रह रही है. दूसरी तरफ नदी किनारे लोग सुबह शाम बड़ी संख्या में इकट्ठा हो रहे, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है. मोहल्ले में लोग बेवजह घूम रहे हैं और पुलिस की गाड़ी आ रही है तो लोग वापस घरों में भाग रहे हैं. ऐसे में जिला प्रशासन को मुहल्लों स्तर पर लॉकडाउन लागू कराना होगा, ताकि कहीं भी संक्रमण न फैले. छपरा सदर अस्पताल में हैं तैयारियां छपरा सदर अस्पताल में कोरोना वायरस के इलाज के लिए आइसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है. इसमें दो डॉक्टर विभिन्न शिफ्ट में काम कर रहे हैं. वहीं फिलहाल आइसोलेशन वार्ड में विदेशी पर्यटक भर्ती है. ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों के लिए पीपीइ किट भी उपलब्ध करा दिया गया है. दूसरी तरफ विभिन्न पीएचसी व सामुदायिक अस्पतालों में भी आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. जिले भर के तमाम स्कूलों में क्वारेंटिन सेंटर भी बनाये गये हैं. जहां दूसरे राज्यों से आये लोगों व ट्रेस किये गये विदेश से आये लोगों को क्वारेंटिन किया गया है.