मांझी. सारण जिले के मांझी नगर पंचायत स्थित रामघाट पर नमामि गंगे परियोजना के तहत बन रहा अटल घाट श्रद्धालुओं की उम्मीदों पर पानी फेरता नजर आ रहा है. लगभग 10.5 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस घाट का निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा है, जिससे तय समय सीमा में काम पूरा होना अब असंभव प्रतीत हो रहा है.
श्रद्धालुओं को सिर्फ तीन महीने ही मिलेगा घाट का लाभ
स्थानीय लोगों का कहना है कि डोरीगंज के बंगाली बाबा घाट की तरह अटल घाट पर भी श्रद्धालु केवल बाढ़ के तीन महीनों में ही स्नान कर सकेंगे. बाकी नौ महीने घाट सूखा और वीरान रहेगा. नदी की गहराई तक पक्कीकरण नहीं किये जाने से घाट वर्षभर उपयोगी नहीं बन सकेगा. अटल घाट का निर्माण 15 मई 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन निर्माण की धीमी रफ्तार को देखकर स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में निराशा बढ़ती जा रही है. सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने संवेदक को अल्टीमेटम भी दिया है, फिर भी काम समय पर पूरा होता नहीं दिख रहा. स्थानीय श्रद्धालुओं को डर है कि इस देरी के चलते आगामी कार्तिक महीने के स्नान और छठ पर्व तक भी घाट तैयार नहीं होगा. साथ ही, बाढ़ के दौरान घाट पर आने वाली तेज धारा, सीढ़ियों पर मिट्टी, खर-पतवार और गंदगी जमा कर देगी, जिससे घाट की हालत और बिगड़ सकती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है