सोनपुर. सोनपुर-हाजीपुर को जोड़ने वाले पुराना गंडक पुल घाट से दक्षिण कष्टहरीया घाट होते हुए काली मंदिर स्थित कालीघाट श्मशान घाट तक नमामि गंगे परियोजना के तहत निर्मित घाटों की स्थिति दिन-ब-दिन बदहाल होती जा रही है. घाटों पर बनी सीढ़ियों पर मोटी परत में जमी मिट्टी और गाद के कारण वहां लगाये गये स्टील पाइप दब गये हैं. जिनमें जंग लगना शुरू हो गया है. इससे घाटों की सुंदरता प्रभावित होने के साथ-साथ श्रद्धालुओं और आम नागरिकों की सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा रहा है. स्थानीय समाजसेवी लालाबाबू पटेल एवं अन्य स्थानीय नागरिकों ने जानकारी देते हुए बताया कि मेला पूर्व से ही घाटों की साफ-सफाई की मांग लगातार की जाती रही है. इस संबंध में अखबारों में खबरें प्रकाशित हुईं और पब्लिक ऐप के माध्यम से भी नगर परिषद एवं प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गयी.
उल्लेखनीय है कि मेला महोत्सव कार्यक्रम के समापन को करीब 20 दिन बीत चुके हैं. इसके बावजूद ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले इन घाटों की सफाई नगर परिषद द्वारा नहीं करायी गयी है. जमी मिट्टी के कारण नमामि गंगे परियोजना के तहत बने घाट अपना निखार खोते जा रहे हैं और रखरखाव के अभाव में इनके क्षतिग्रस्त होने की आशंका बढ़ती जा रही है. स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि शीघ्र ही नगर परिषद द्वारा घाटों की समुचित सफाई, जमी मिट्टी हटाने और स्टील पाइपों की मरम्मत नहीं करायी गयी, तो करोड़ों रुपये की लागत से बनी नमामि गंगे परियोजना बेकार साबित हो सकती है. लोगों ने नगर परिषद एवं संबंधित विभागों से अविलंब कार्रवाई की मांग की है. ताकि घाटों की स्वच्छता, सौंदर्य और ऐतिहासिक गरिमा को सुरक्षित रखा जा सके.
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