छपरा. जिले में बाल श्रम के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की समीक्षा को लेकर जिलाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गयी. बैठक में बाल श्रम और किशोर श्रम निषेध से जुड़ी उपलब्धियों की समीक्षा की गयी और मुक्त कराये गये बच्चों के पुनर्वास पर विशेष जोर दिया गया.
2014 से अब तक यह रही उपलब्धि
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2014 से अब तक सारण जिले में 287 बाल श्रमिकों को काम से विमुक्त किया गया है. इस दौरान 280 एफआइआर नियोजकों के विरुद्ध दर्ज करायी गयी हैं. इसके अलावा 102 बच्चों को तीन हजार रुपये की तत्काल सहायता राशि दी गयी. वही 113 बच्चों के लिए पुनर्वास कोष से 20,000 रुपये जमा कराये गये. 103 पात्र बच्चों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 25,000 रुपये की सहायता राशि भी दी गयी है.नियमित छापामारी का आदेश
डीएम ने कहा कि बाल श्रम के विरुद्ध गठित धावा दल को थाना से समन्वय बनाकर प्रभावी कार्रवाई करनी होगी. ईंट भट्ठा, होटल जैसे संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर विशेष रूप से नियमित छापेमारी करने को कहा गया. ऐसे प्रतिष्ठानों के संचालकों को बाल श्रम कानूनों की जानकारी देने और जनजागरूकता अभियान चलाने का निर्देश भी दिया गया.रिहैबिलिटेशन की सतत निगरानी जरूरी
डीएम ने स्पष्ट कहा कि मुक्त कराये गये स्थानीय बच्चों के पुनर्वास का नियमित फॉलोअप जरूरी है. ऐसे बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने की प्रक्रिया में किसी तरह की ढिलाई नहीं होनी चाहिए. इस बैठक में उप विकास आयुक्त, सदर एसडीओ, श्रम अधीक्षक, डीपीओ आईसीडीएस, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, सहायक निदेशक , सिविल कोर्ट प्रतिनिधि और एनजीओ प्रतिनिधि सहित कई अधिकारी शामिल हुए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है