सोनपुर. जेपी सेतु के समानांतर प्रस्तावित सिक्स लेन पुल-सड़क परियोजना को लेकर भूमि अधिग्रहण से विस्थापित किसानों का आक्रोश अब चरम पर पहुंच गया है. प्रशासन द्वारा जबरन कार्य शुरू कराने की कार्रवाई के विरोध में किसानों ने आत्मदाह जैसे कठोर कदम उठाने की चेतावनी दी है. बुधवार देर शाम सोनपुर पुलिस प्रशासन द्वारा जिस भूमि पर पुल निर्माण का कार्य शुरू कराया गया, वह प्रकाशित गजट की भूमि नहीं है, बल्कि किसानों की निजी कृषि भूमि है, जहां वर्तमान में खड़ी फसलें भी लगी हुई हैं. इस कार्रवाई से गोविंदचक, इसमाइलचक, बाकरपुर, जहांगीरपुर, शाहपुर, भरपुरा, खरिका, कसमर, सुल्तानपुर, गंगाजल, बड़का बगीचा, गंगाजल टोला, रसूलपुर, मोहबतपुर, करमचक सहित दर्जनों गांवों के किसान, खेतिहर मजदूर व ग्रामीण गंभीर आक्रोश में हैं. किसानों का कहना है कि वे पिछले 10 महीनों से अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर विभिन्न सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. इसके उलट प्रशासन ने बिना पूर्व सूचना और बिना उचित प्रक्रिया के जबरदस्ती निर्माण शुरू कर दिया. गुरुवार को संयुक्त किसान संघर्ष समिति की आपात बैठक आयोजित की गयी, जिसमें किसानों ने आगामी दिनों में आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन करने का निर्णय लिया. समिति के संयोजक तारकनाथ सिंह पूर्व मुखिया ने कहा कि यह सरकार की तानाशाही है और किसान अब चुप नहीं बैठेंगे. इस दौरान बैठक में कृष्णदेव राय, अशोक शर्मा, अरविंद कुमार सिंह, रत्नेश कुमार सिंह, बलजीत राय, शंभू नारायण सिंह, श्यामा राय, जगन राय, दिलीप राय, मदुमंगल सिंह, गुडू राय, राजनाथ सिंह, गुडू सिंह सहित कई प्रमुख किसान बैठक में उपस्थित रहे. संयुक्त किसान संघर्ष समिति ने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगों की अनदेखी हुई, तो वे आत्मदाह, धरना, रेल व सड़क जाम जैसे आंदोलनात्मक कदम उठाने को बाध्य होंगे.
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