मांझी. शुक्रवार को सुबह से मौसम में आये बदलाव ने किसानों की चिंता को और बढ़ा दिया है. हल्की बूंदाबांदी के कारण पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहे और मार्च के मध्य में हुई इस असमय वर्षा ने कृषि पर प्रतिकूल असर डालने की संभावना को बढ़ा दिया है. लगातार बदलते मौसम और रुक-रुक कर हो रही बारिश से फसलें प्रभावित हो सकती हैं, जिससे आर्थिक नुकसान की आशंका जतायी जा रही है. गुरुवार की तड़के से आसमान में काले बादल छाए रहे और तापमान में गिरावट दर्ज की गयी. हल्की ठंडी हवाएं भी चलीं और सुबह के समय बूंदाबांदी शुरू हो गयी, जो पूरे दिन रुक-रुक कर जारी रही. कुछ इलाकों में हल्की धुंध भी देखी गयी, जिससे वातावरण में नमी बढ़ गयी.
इस समय गेहूं, चना, मसूर और मटर जैसी फसलें पककर कटाई के लिए तैयार हैं, लेकिन लगातार हो रही बूंदाबांदी से गेहूं की फसल पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. यदि खेतों में पानी भर गया या फसल गिर गयी, तो दानों की गुणवत्ता खराब हो सकती है. दलहन फसलों में भी नमी बढ़ने से नुकसान होने की आशंका है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय की बारिश तिलहन फसलों, विशेषकर सरसों, पर भी प्रभाव डाल सकती है, जिससे उत्पादन पर असर पड़ सकता है. अगर मौसम साफ नहीं हुआ और तेज बारिश हुई, तो नुकसान और बढ़ सकता है.मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों तक बादल छाए रहने और हल्की बारिश की संभावना जतायी है. विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपनी कटाई के लिए तैयार फसलों को सुरक्षित रखने की कोशिश करें और जहां तक संभव हो, कटाई के बाद अनाज को खुले में रखने से बचें. गांवों में किसान लगातार बदलते मौसम पर नजर बनाए हुए हैं. कुछ किसानों का कहना है कि यदि बारिश लंबे समय तक जारी रही, तो उनकी महीनों की मेहनत पर पानी फिर सकता है. वहीं, कुछ किसान इस उम्मीद में हैं कि यह बारिश जल्द ही रुक जायेगी और फसलों पर अधिक असर नहीं पड़ेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है