छपरा. सदर अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में आज राज्य स्तरीय पदाधिकारी और चिकित्सकों की टीम ने इमरजेंसी और मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से आइजीआइएमएस और पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के विशेषज्ञों की टीम द्वारा अस्पताल का निरीक्षण किया. टीम ने विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया, जिनमें लेबर रूम, ऑपरेशन थिएटर, एसएनसीयू वार्ड, बच्चा वार्ड, और जिला यक्ष्मा वार्ड शामिल थे. इस दौरान अस्पताल में संसाधनों, प्रोटोकॉल आधारित देखभाल और डॉक्यूमेंटेशन की स्थिति की भी जांच की गयी. टीम ने केस शीट, रेफरल फॉर्म, सी-सेक्शन ऑडिट, प्रिस्क्रिप्शन रिकॉर्ड और अन्य आवश्यक दस्तावेजों का निरीक्षण करते हुए सुधार की दिशा में कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए. साथ ही, ऑस्क आधारित प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें नवजात पुनर्जीवन, प्रसवकालीन आपात स्थितियां और सेप्सिस प्रबंधन पर विशेष जोर दिया गया. इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा, उपाधीक्षक डॉ आरएन तिवारी, अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद, लिपिक बंटी रजक समेत अन्य विभागों के चिकित्सकों ने टीम का स्वागत किया. इस कार्यक्रम में परामर्शदाता प्रो डॉ एके जायसवाल और प्रो डॉ हेमाली हैदी सिन्हा ने भी सेवा गुणवत्ता में सुधार के लिए तकनीकी सुझाव दिये. सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि इस मेंटोरिंग प्रोग्राम और टीम के मार्गदर्शन से अस्पताल की सेवा गुणवत्ता में सुधार होगा. पीएचएफआइ के डॉ प्रमोद कुमार ने बताया कि इस पहल के तहत राज्य के 20 जिला अस्पतालों को नौ मेडिकल कॉलेजों से जोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि जहां यह कार्यक्रम पहले से संचालित किया जा रहा है, वहां सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं और उन्हें उम्मीद है कि सदर अस्पताल में भी जल्द ही इसके बेहतर परिणाम दिखेंगे. इस निरीक्षण और कार्यक्रम में इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना के डॉ रिज़वान अहमर, डॉ दीपाली प्रसाद, डॉ विभा कुमारी, डॉ स्वाति सिंह, डॉ निधि प्रसाद, और पीएचएफआइ के डॉ प्रमोद कुमार समेत अन्य विशेषज्ञ शामिल थे.
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