32.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

लेटेस्ट वीडियो

Saran News : गर्मी में बढ़ी मिनरल वाटर की मांग, लेकिन घट रही गुणवत्ता

Saran News : जैसे-जैसे गर्मी अपने चरम पर पहुंच रही है, वैसे-वैसे शहर में पानी के जार और गैलन की डिमांड तेजी से बढ़ रही है.

Audio Book

ऑडियो सुनें

छपरा. जैसे-जैसे गर्मी अपने चरम पर पहुंच रही है, वैसे-वैसे शहर में पानी के जार और गैलन की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. मई की शुरुआत में ही तापमान में उछाल आने से ऑफिस, स्कूल, दुकानों और घरों में प्रतिदिन तीन से चार गैलन पानी की खपत हो रही है. लेकिन बढ़ती मांग के बीच जल की गुणवत्ता के साथ समझौता भी सामने आ रहा है, जो चिंता का विषय है.

शहर में कई ऐसे वाटर प्लांट हैं जो तय मानकों की अनदेखी कर रहे हैं. कुछ स्थानों पर तो खुले नाले के पास जार भरे जा रहे हैं और कहीं सादे पाइपों से ही बोतलें भर दी जाती हैं. वहीं, मिनरल वाटर के नाम पर बोरिंग के पानी को ठंडा कर बेचा जा रहा है. प्लांटों में साफ-सफाई का भी अभाव है, जिससे लोगों की सेहत पर खतरा मंडरा रहा है.

एक दशक में तेजी से बढ़ा मिनरल वाटर का कारोबार

पिछले 10 वर्षों में शहर में मिनरल वाटर के जार और कंटेनर का कारोबार एक लघु उद्योग का रूप ले चुका है. लगभग 90 से ज्यादा वाटर प्यूरीफायर प्लांट के माध्यम से प्रतिदिन 20 से 30 हजार जार की सप्लाइ की जा रही है. शहर के लगभग 60% लोग आज इन जारों पर निर्भर हैं, जबकि कुछ घरों में आरओ मशीन भी लगी हुई है. हालांकि, सवाल यह उठता है कि क्या यह पानी वाकई “मिनरल” है? पूर्व में पीएचइडी विभाग ने कुछ प्लांट की जांच की थी जिसमें पानी की गुणवत्ता में गंभीर खामियां पायी गयी थीं. इसके बाद कुछ प्लांट संचालकों को नोटिस भी जारी किया गया था.

गुणवत्ता का ध्यान रखना भी जरूरी

जल जांच प्रयोगशाला के केमिस्ट अनिल के अनुसार, मिनरल वाटर में टीडीएस की मात्रा को संतुलित रखना बेहद जरूरी है. कई बार कंपनियां केवल पानी को ठंडा करके उसे शुद्ध बता देती हैं. ऐसे में जरूरी है कि समय-समय पर पानी की टीडीएस और अन्य मानकों की जांच की जाए. साथ ही, उपभोक्ताओं को भी चाहिए कि वे जार खरीदते समय उसकी गुणवत्ता की जानकारी जरूर लें.

नगर निगम जल्द शुरू करेगा जांच

मेयर लक्ष्मी नारायण गुप्ता ने बताया कि नगर निगम शीघ्र ही शहर के सभी वाटर प्लांट की जांच करायेगा. उन्होंने कहा कि लोगों की सेहत के साथ किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जायेगा. साथ ही नल जल योजना के तहत हो रही पानी की आपूर्ति में पाइपलाइन लीकेज की शिकायतों पर भी ध्यान दिया जा रहा है और सुधार कार्य चल रहा है.

इसके लिए क्या क्या हेडिंग हो सकता है

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel