छपरा. नगर निगम क्षेत्र को अब खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया गया है. हर घर में शौचालय निर्माण और उपयोग की स्थिति को देखते हुए छपरा नगर निकाय को ऑडियो प्लस का प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है. प्रमाणपत्र जारी होते ही नगर निगम अधिकारियों में खुशी की लहर दौड़ गयी और नगर आयुक्त को लगातार बधाई संदेश मिलने लगे. इससे पहले जुलाई के अंतिम सप्ताह में हुए सर्वे के बाद घोषणा तो की गयी थी, लेकिन प्रमाणपत्र जारी नहीं हुआ था, जिससे संशय की स्थिति बनी हुई थी. अब प्रमाणपत्र मिल जाने के बाद नगर निगम के लिए यह उपलब्धि बड़ी मानी जा रही है. हालांकि शहरवासियों ने सवाल उठाया है कि जब नगर में गंदगी की स्थिति बनी हुई है तो आखिर यह पुरस्कार किस आधार पर दिया गया. बावजूद इसके अधिकारियों ने इसे स्वच्छता अभियान की बड़ी उपलब्धि बताया है.
डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन में 44 अंक मिले :
स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत कई मानक निर्धारित किये गये थे. इसमें डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन में नगर निगम को 44 अंक प्राप्त हुए थे उसी तरह सोर्स सेग्रीगेशन में 37 और वेस्ट प्रोसेसिंग में 71 अंक प्राप्त हुए है. आवासीय, व्यवसायिक क्षेत्रों और जल निकायों की सफाई के लिए 100 अंक मिले, जो साफ दर्शाता है कि शहर में स्वच्छता को लेकर मजबूत व्यवस्था की गयी है. सबसे खराब स्थिति पब्लिक टॉयलेट को लेकर है जिसमें सबसे कम अंक केवल 17 अंक प्राप्त हुए है जो नगर निगम के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य बना हुआ है. नगर निगम द्वारा शहर में दो प्रमुख क्षेत्रों में सोर्स सेग्रीगेशन शुरू किया गया, जिससे स्वच्छता रैंकिंग में मजबूती मिली. विशेष रूप से आवासीय इलाकों की सफाई में शत-प्रतिशत अंक मिलने से नगर निगम की कार्यप्रणाली की सराहना हो रही है. नगर आयुक्त ने नगर निगम के सभी पदाधिकारियों एवं सफाई कर्मियों को बधाई देते हुए कहा है कि इसमें महापौर, उपमहापौर, स्वच्छता पदाधिकारी संजीव कुमार मिश्रा, सुमित कुमार, सिटी मैनेजर अरविंद कुमार, वेद प्रकाश वर्णवाल, तथा सभी सफाईकर्मियों का योगदान रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

