Samsatipur : समस्तीपुर . चैत्र नवरात्र के छठे दिन गुरुवार को श्रद्धालुओं ने शक्ति की अधिष्ठात्री जगतजननी माता के छठे स्वरूप कत्यायिनी की पूजा-अर्चना की. साथ ही सायंकालीन बेल वृक्ष के नीचे मां दुर्गा के षष्ठी स्वरूप की विधि- विधान से पूजन किया. शहर के सटे दुधपुरा स्थित चैती दुर्गा मंदिर परिसर से गुरुवार शाम बिल्वानिमंत्रण को लेकर शोभा यात्रा निकाली गई. इस दौरान मंदिर परिसर से श्रद्धालु कंधे पर माता की डोली रखकर जयघोष करते हुए बेल वृक्ष के निकट पहुंचे. इसके उपरांत विधि- विधान से बेल वृक्ष की पूजा-अर्चना की गई. देवी का बोधन (आमंत्रण), अधिवास (स्थापना) और आरती हुई. ढाक, घंटा, शंख की ध्वनि से वातावरण को शुभ बनाया गया. आचार्य पंडित रामाकांत ओझा ने बताया कि नवरात्र में षष्ठी पूजा के दिन जुड़वा बेल को निमंत्रित किया जाता है. विधिवत पूजन के बाद जुड़वा बिल्व एवं आदि शक्ति मां भगवती को प्राण प्रतिष्ठा दी जाती है. उस दिन से विजयादशमी तक भगवान शिव एवं आदि शक्ति भगवती की पूजा एक साथ होती है. शास्त्रों के अनुसार बेल वृक्ष की जड़ों मां गिरिजा, तने में मां महेश्वरी, इसकी शाखाओं में मां दक्षयायनी, बेलपत्र की पत्तियों में मां पार्वती, इसके फूलों में मां गौरी और बेल के फलों में मां कात्यायनी का बास है. शुक्रवार को माता के सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा अर्चना की जायेगी. पूजा-पंडालों में प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ मां के पट दर्शन के लिए खोले जायेंगे. इधर, चैत्र नवरात्र को लेकर पूजा-पंडालों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. वैदिक मंत्रों की ध्वनि गुंजायमान है. श्रद्धालुओं में काफी उत्साह नजर आ रहा है. मौके पर पंडित रमाकांत ओझा, विपिन झा, मायाकांत झा, अशोक मिश्रा, कुंदन तिवारी, चंदन तिवारी, अनिल गुप्ता, अशोक तिवारी, मुरारी तिवारी, विकास राज गोलू, कृष्ण कुमार तिवारी, रणवीर ठाकुर, हरिशंकर ठाकुर, विजय गुप्ता, राममोहन तिवारी समेत काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे.
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