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Samastipur News:फूलगोभी, सरसों, राई धनिया व सूर्यमुखी की बोआई को मौसम अनुकूल

Weather favorable for sowing cauliflower and mustard

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय,पूसा के द्वारा किसानों को इसको लेकर समसामयिक सुझाव दिये गये हैं. सरसों व राई की बोआई के लिए उन्नत प्रभेद 66–197–3, राजेन्द्र सरसों-1 तथा स्वर्णा एवं राई के लिए किस्में वरुणा, पूसा वालेड, क्रान्ति तथा पूसा महक इस क्षेत्र के लिए अनुशंसित है. Sow cauliflower varieties Maghi, Snowking, Pusa Snowking-1, Pusa-2, Pusa Snowwall-16, Pusa Snowwall K-1 in the nursery.

Samastipur News: Weather favorable for sowing of mustard, mustard, coriander and sunflower : समस्तीपुर : सरसों, राई, धनिया व सूर्यमुखी की बोआई के लिए मौसम अनुकूल है. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय,पूसा के द्वारा किसानों को इसको लेकर समसामयिक सुझाव दिये गये हैं. सरसों व राई की बोआई के लिए उन्नत प्रभेद 66–197–3, राजेन्द्र सरसों-1 तथा स्वर्णा एवं राई के लिए किस्में वरुणा, पूसा वालेड, क्रान्ति तथा पूसा महक इस क्षेत्र के लिए अनुशंसित है. बीज दर 5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा बोआई 30 गुणा 10 सेमी पर कतार में करें. बोआई के समय खेत की जुताई में 30 से 40 किलोग्राम नेत्रजन, 40 किलोग्राम स्फुर, 40 किलोग्राम पोटाश तथा 30 से 40 किलोग्राम गंधक प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें. फूलगोभी की पछात किस्मों माघी, स्नोकिंग, पूसा स्नोकिगं-1, पूसा-2, पूसा स्नोवॉल-16, पूसा स्नोवॉल के-1 की बुआई नर्सरी में करें. धनिया की बोआई करें. राजेन्द्र स्वाती, पंत हरितिमा, कुमारगंज सेलक्शन, हिसार आनंद धनियां की अनुशंसित किस्में हैं. पंक्ति में लगाने पर बीज दर 18-20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा लगाने की दूरी 30 गुणा 20 सेमी रखें. बीज को 2.5 ग्राम बाविस्टीन प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें. अच्छे जमाव के लिए बीज को दरककर दो भागों में विभाजित कर बोआई करें. खेत की जुताई में 100 से 150 सड़ी गोबर की खाद, 30 किलोग्राम नेत्रजन, 40 किलोग्राम स्फुर तथा 30 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टयेर की दर से व्यवहार करें.

Samastipur News: Weather favorable for sowing of mustard, mustard, coriander and sunflower :लहसुन की बोआई छोटी-छोटी क्यारियों में करें.

लहसुन की बोआई छोटी-छोटी क्यारियों में करें. क्यारियों का आकार जिसमें चौड़ाई 1 से 2 मीटर तथा लंबाई अपने अनुसार 3 से 5 मीटर रखें. प्रत्येक दो क्यारियों के बीच बीच जल निकास के लिये नाली आवश्य बनावें. गोदावरी (सेलेक्सन-1), श्वेता (सेलेक्शन-10), एग्रीफाउंड डार्करेड (जी-11), एग्रीफाउंड व्हाईट (जी-41), एग्रीफाउंड पार्वती (जी-313), जमुना सफेद-2 (जी–50), जमुना सफेद-3 (जी-282), जमुना सफेद-4 (जी-323) एवं आरएयू (जी-5) लहसुन की अनुशंसित किस्में हैं. बीज दर 300-500 किलोग्राम जावा प्रति हेक्टयेर तथा लगाने की दूरी 15 गुणा 10 सेमी रखें. खेत की जुताई में प्रति हेक्टेयर 200 से 250 क्विटंल कम्पोस्ट, 60 किलोग्राम नेत्रजन, 80 किलोग्राम फॉसफोरस, 80 किलोग्राम पाेटास एवं 20-40 किलोग्राम सल्फर का प्रयोग करें. रबी फसलों में मक्का, चना, मटर, राजमा तथा मेथी की बोआई पूर्व खेत की साफ-सफाई एवं तैयारी करें. खेत के आसपास के मेड़, नालियां एवं रास्तों में उगे जंगलाें की सफाई करें. गोबर की सड़ी खाद 150-200 क्विटंल प्रति हेक्टेयर की दर से पूरे खेत में अच्छी प्रकार बिखेड़कर जुताई कर मिला दें. किसान शरदकालीन गन्ना की रोपाई करें.

Mallika (K0-75), Arun (PL 77-12), BR-25, KLS- 218, HUL-57, PL-5 and WVL-77 varieties of lentils can be sown. मसूूर की मल्लिका (के0–75), अरुण (पीएल 77-12), बीआर-25 केएलएस- 218, एचयूएल-57, पीएल-5 एवं डब्लूवीएल-77 किस्मों की बोआई कर सकते हैं.

मसूूर की मल्लिका (के0–75), अरुण (पीएल 77-12), बीआर-25 केएलएस- 218, एचयूएल-57, पीएल-5 एवं डब्लूवीएल-77 किस्मों की बोआई कर सकते हैं. बोआई के समय खेत की जुताई में 20 किलोग्राम नेत्रजन, 45 किलोग्राम फॉस्फोरस, 20 किलोग्राम पाेटास तथा 20 किलोग्राम सल्फर का व्यवहार करें. बोआई के 2-3 दिन पूर्व कार्बेन्डाजीम फफूंदनाशक दवा का 1.0 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से शोधित करें. तत्पश्चात कीटनाशी दवा क्लोरपाईरीफॉस 20 ईसी का 8 मिली प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें. बोआई के ठीक पहलेे उपचारित बीज को उचित राईजोबियम कल्चर (5 पैकेट प्रति हेक्टेयर) से उपचारित कर बोआई करें. छोटे दाने की प्रजाति के लिए बीज दर 30-35 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर एवं बड़े दाने के लिए 40-45 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर एवं बोआई की दूरी पंक्ति से पंक्ति 30 सेमी रखें. किसान सूर्यमुखी की बोआई करें. बोआई के समय खेत की जुताई में 30-40 किलोग्राम नेत्रजन 80-90 किलोग्राम फॉस्फोरस तथा 40 किलोग्राम पाेटाश का व्यवहार करें. उत्तर बिहार के लिए सूर्यमुखी की उन्नत संकुल प्रभेद मोरडेन, सूर्या, सीओ-1 एवं पैराडेविक तथा संकर प्रभेद के लिये बीएसएच-1, केबीएसएच-1, केबीएसएच-44, एमएसएफएच-1, एमएसएफएच-8 तथा एमएसएफएच-17 अनुशंसित है. संकर किस्मों के लिए बीज दर 5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयेर तथा संकुल किस्मों के लिए 8 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखें. बोआई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम थीरम या कैप्टाफ दवा से उपचारित कर बोआई करें.

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