Samastipur News: मोरवा : प्रखंड क्षेत्र में संचालित योजनाओं की अनियमितता परवान पर है. लोगों को जानकारी ही नहीं हो पाती है कि किस जगह पर कौन सी योजना किस मद से और कितनी की लागत से हो रही है. अधिकांश योजनाओं में प्राक्कलन की राशि को छुपाया जाता है. योजनाओं का स्कीम बोर्ड नहीं लगने से योजनाओं के बारे में जानकारी लोगों को नहीं होती है. कहीं-कहीं के सजग लोग जब इस बाबत खोजबीन करते हैं तो उन्हें संवेदक का धमकी भरा जवाब मिलता है. कई जगहों पर निर्माण कार्य रोके जाने के बाद शिलान्यास कराया गया. इसी तरह योजनाओं के शुरू होने से लेकर पूर्ण होने तक तकनीकी अधिकारी झांकने तक नहीं पहुंचते हैं और योजनाएं पूरी हो जाती है. गुणवत्ता को लेकर अक्सर सवाल उठाये जाते रहे हैं लेकिन न तो अधिकारी और न ही उनके कर्मी इस तरफ संजीदगी दिखा रहे हैं. सूत्रों की माने तो तकनीकी कर्मी खुद काम न करके अपने सहायक अथवा दूसरे लोगों के माध्यम से खानापूरी करते हैं जबकि योजना की शिलान्यास से लेकर उसके पूर्ण होने तक कई चरणों में उनके द्वारा योजना की जांच की जानी होती है. बताते चलें कि चकपहाड़, चकसिकंदर, लड़ुआ, निक्सपुर, बनवीरा, केशोनारायणपुर, सारंगपुर पश्चिमी आदि पंचायत में बगैर शिलान्यास के ही योजनाएं शुरू हुई. जब लोगों को इसकी जानकारी हुई और घटिया मटेरियल देखकर लोग विरोध शुरू किया तो मामला उजागर हुआ. कई जगहों पर तो विधायक को आनन फानन में बुलाकर योजनाओं का शिलान्यास कराया गया. बताया जाता है कि अब तक जितनी भी योजनाओं का शिलान्यास अथवा उद्घाटन किया गया अधिकांश स्कीम बोर्ड पर प्राक्कलन राशि अंकित नहीं है. जिसके कारण लोग गलतफहमी में हैं. बताया जाता है कि कई योजनाओं का आधा काम पूरा होने के बाद शिलान्यास हुआ तो कई जगहों पर योजनाएं यूं ही लटकी पड़ी है. तकनीकी जांच नहीं होने के कारण एक महीना पहले ही लड़ुआ पंचायत के सैदन के विद्यालय में बना 9 लाख की लागत से बना चारदीवारी ध्वस्त हो गया. बरियारपुर में सड़क का निर्माण कार्य शिलान्यास के कारण ग्रामीणों के द्वारा रोक दिया गया था. ताजा मामला सारंगपुर पश्चिमी पंचायत के उच्च विद्यालय में हो रहे चारहदिवारी निर्माण का है जहां पर लोगों को जानकारी हुई तो लोग खोजबीन करने पहुंचे तो उन्हें संवेदक और विद्यालय के कतिपय शिक्षकों के द्वारा टका का जवाब दिया गया. राजद प्रखंड अध्यक्ष मुन्ना यादव, बबलू यादव, रत्नेश कुमार, अजीत कुमार आदि ने बताया कि संवेदक को कई दिन पहले से शिलान्यास को लेकर कहा जा रहा था लेकिन उसके द्वारा टालमटोल किया जा रहा था. ग्रामीण के द्वारा घटिया मटेरियल इस्तेमाल किए जाने के कारण कार्य को रोक दिया गया है. अब जब बगैर शिलान्यास के हो रहे इस योजना को जब ग्रामीणों के द्वारा रोका गया तो इसके शिलान्यास की तैयारी की जा रही है. इस बाबत प्रमुख सान्या नेहा ने बताया कि शिलान्यास योजना को शुरू करने की एक शुरुआती प्रक्रिया है. इससे लोगों को सभी तरह की जानकारी मिलती है. हर योजना का शिलान्यास जरूरी है. अगर कोई भी अधिकारी या कर्मी इससे आनाकानी करते हैं तो उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जायेगी.
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