पूसा : डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित किसान मेला के दूसरे दिन के दूसरे सत्र को भारत सरकार के जल शक्ति राज्य मंत्री डॉ. राजभूषण चौधरी ने कहा सर्वप्रथम भू-जल को संरक्षित करने की जरूरत है. जलवायु परिवर्तन विश्व स्तर पर एक सच्चाई है. इससे भारत सहित सम्पूर्ण संसार प्रभावित है. कृषि के पौराणिक पद्धतियों में बदलाव लाने की जरूरत है. 2047 विकसित भारत के लिए प्रति व्यक्ति छह गुना अधिक आय की प्राप्ति होनी चाहिए. जो खासकर कृषि के लिए बहुत बड़ी चुनौती है. केंद्र सरकार कृषि को बेहतर रूप देने में जुटी है. इसी क्रम में गंगा सहित अन्य सहायक नदियों की सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. खेत का पानी खेत में योजना को संचालित कर भू-जल का रक्षा करने की दिशा में जोरदार पहल किया जा रहा है. पानी के कम आवश्यकता वाले प्रभेदों का चयन करने की जरूरत है. विवि की ओर से क्षेत्रीय तकनीकों के अनुसंधान पर कार्य करने की जरूरत है. इससे पहले स्वागत भाषण प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. मयंक राय ने किया. वैशाली विश्वेश्वरैया विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एमएल गोंड ने कहा कि देश के कृषि क्षेत्र में परिवर्तन की लहर दौर गई है. एक व्यक्ति के लिए प्रकृति ने पर्याप्त पानी की व्यवस्था दी है. पानी का संचय जरूरी है. प्रकृति प्रदत सभी संसाधन आपस में जुड़े हुये हैं. संचालन वैज्ञानिक डॉ. कुमारी अंजनी कर ही थी. वहीं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. फूलचंद ने किया.
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