Samastipur News:समस्तीपुर : शहर से लेकर चौक-चाैराहों पर ई-रिक्शा व ऑटो का परिचालन बेतरतीब ढंग से हो रहा है. अन्य वाहनों, बाइक व पैदल लोगों का सड़क चलना मुहाल हो गया है. इनके अनियंत्रित परिचालन के कारण हर दिन ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है. वहीं लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. शहर की हर गली हर सड़क पर सिर्फ ई-रिक्शा व ऑटो ही नजर आते हैं. कई तो नाबालिग भी ई-रिक्शा चलाते नजर आते हैं. न कोई जांच होती है, न ही कोई कार्रवाई की जा रही है. शहर की सड़कों पर इनका जैसे जी चाहता हैं, ई-रिक्शा व ऑटो का परिचालन करते हैं. इनके लिये कोई ट्रैफिक नियम नहीं होता है. जिधर से जगह मिलता है, उधर से ही ई-रिक्शा व ऑटो निकाल देने हैं. ई-रिक्शा व ऑटो चालक आगे, पीछे, अगल-बगल कुछ नहीं देखते हैं, बस अपनी धुन पर सड़क पर अपने ई-रिक्शा को सरपट दौड़ाते हैं. इतना ही ये बाइक चालक की तरह लहेरिया कट भी चलते हैं. धोखा से अगर कोई वाहन इनके ई-रिक्शा में सट जाये तो फिर गाली-गलौज से मारपीट तक करने उतारू हो जाते हैं. सबसे अधिक परेशानी को चौराहों पर होती है. जहां सभी सड़क के निकासी व प्रवेश के मार्ग पर ही ये ई-रिक्शा खड़ी कर पैसेंजर का इंतजार करते हैं. इनकी संख्या इतनी अधिक हो गयी है, एक ई-रिक्शा को एक पैसेंजर मिल जाये तो काफी है. पैसेंजर नहीं मिलने पर ये खाली ई-रिक्शा सड़क पर दौड़ाते रहते हैं, कारण कि इनको ईंधन भरवाना नहीं पड़ता है.दूसरी जहां जी चाहता हैं वहीं पार्किंग बना लेते हैं.
परिवहन विभाग ने ई-रिक्शा व ऑटो के परिचालन कर रखा है विनियमित
विदित हो परिवहन विभाग के द्वारा 20 सितंबर 2024 को ही ऑटाे रिक्शा व ई-रिक्शा के परिचालन को नियंत्रित करने को लेकर आदेश जारी किया था. इसके तहत शहर में ऑटो व ई-रिक्शा का परिचालन व्यवस्थित करना था, ताकि जाम की समस्या से निजात संभव हो सके. ऑटो व ई-रिक्शा के पार्किंग स्थल के लिये जगह निर्धारित करना था. ऑटो व ई-रिक्शा के सभी रूटों को जोनों में विभाजित करते हुये प्रत्येक जोन के लिये अलग-अलग कलर कोड निर्धारित करना था. सड़कों की क्षमता के अनुसार ही ऑटो व ई-रिक्शा का निबंधन करना है.शहरी क्षेत्रों में ऑटो व ई-रिक्शा के कुल संभावित निर्धारण क्षमता का निर्धारित प्रतिशत रिजर्व ऑटो व ई-रिक्शा के लिये सुरक्षित रखना है. रिर्जव ऑटो के तहत परिचालित ऑटो रिक्शा एवं ई-रिक्शा पर अलग-अलग कलर कोड का स्टीकर या पेंट अंकित करना है.बिहार टैक्सी एग्रीगेटर परिचालन निदेश 2019 के तहत अधिकृत सेवा प्रदाताओं को भी ऑटो रिक्शा व ई-रिक्शा के परिचालन के लिये लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है.ऑटो व ई-रिक्शा पर क्यूआर कोड अंकित किया जाना है, क्यूआर कोड को स्कैन करते ही ऑटो व ई-रिक्शा तथा उसके चालक से संबंधित जानकारियां सवारी को प्राप्त हो जायेगी.ऑटो रिक्शा व ई-रिक्शा को संबंधित जोन एवं रूट के साथ पुलिस थानों की टैंगिंग करना है. जिले में इसके क्रियान्वयन के लिये जिलाधिकारी को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है.कमेटी करेगी जोन व रूट का निर्धारण
जिले में ऑटो रिक्शा व ई-रिक्शा के परिचालन को विनियमित करने के लिये कमेटी गठित की गयी है. कमेटी परिचालन की समीक्षा कर शहर की क्षमता के अनुसार ऑटो, ई-रिक्शा वाहनों की संख्या, जोन, रूट का निर्धारण करेगी. इसके अध्यक्ष जिलाधिकारी होंगे. सदस्य उपविकास आयुक्त, पुलिस अधीक्षक या पुलिस उपाधीक्षक ट्रैफिक, सिविल सर्जन, जिला परिवहन पदाधिकारी, अपर जिला परिवहन पदाधिकारी, मोटरयान निरीक्षक सदस्य बनाये गये हैं, वहीं ऑटो व ई-रिक्शा यूनियन के प्रतिनिधि आमंत्रित सदस्य होंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है