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Samastipur News:एससीईआरटी की वेबसाइट अब सरकारी स्कूल के शिक्षक संभालेंगे

एससीईआरटी की वेबसाइट अब सरकारी स्कूल के शिक्षक संभालेंगे. बिहार के शिक्षा जगत में नवाचार एवं डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद, बिहार ने एक ऐतिहासिक पहल की है.

समस्तीपुर : एससीईआरटी की वेबसाइट अब सरकारी स्कूल के शिक्षक संभालेंगे. बिहार के शिक्षा जगत में नवाचार एवं डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद, बिहार ने एक ऐतिहासिक पहल की है. एससीईआरटी और सरकारी स्कूल के शिक्षकों की टीम प्रोफेशनल लर्निंग कम्युनिटी टीचर्स ऑफ बिहार के बीच एक समझौता (एमओयू) पत्र पर हस्ताक्षर हुआ है. यह समझौता राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद, पटना की वेब पोर्टल का नि:शुल्क डेवलपमेंट के लिए किया गया है, जिसे टीचर्स ऑफ बिहार की टेक्निकल टीम द्वारा किया जायेगा. यह पोर्टल राज्य के शिक्षकों के नवाचार, डिजिटल सामग्री और शैक्षणिक संसाधनों को साझा करने के लिए एक समर्पित मंच होगा, जो शिक्षकों के सतत व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगा. समझौता हस्ताक्षर कार्यक्रम राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद, पटना के निदेशक सज्जन आर., संयुक्त निदेशक (प्रशासन) सुषमा कुमारी एवं टीचर्स ऑफ बिहार के संस्थापक शिव कुमार की उपस्थिति में हुई. टीचर्स ऑफ बिहार शिक्षकों के नवाचारों को प्रोत्साहित करने वाला एक प्रमुख स्वैच्छिक प्लेटफॉर्म है, जो शिक्षकों के नेतृत्व में शिक्षा में सकारात्मक बदलाव के लिए प्रयासरत है. डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय ने बताया कि सरकार का ध्यान सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने और शिक्षा का स्तर उच्च करने व बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की ओर है. बच्चों के शैक्षिक स्तर को बढ़ाने के लिए विद्यालय में अनेक नवाचार किए गए हैं, जैसे गतिविधि आधारित शिक्षण, कक्षा मुक्त शिक्षण, प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग, बाल संसद, शिक्षण अभिनव तकनीक आदि नवाचारों के द्वारा शिक्षा दी जाती है. कक्षा एक के छात्र-छात्राओं को खिलौनों के मध्यम से भी पढ़ाया जाता है.

शिक्षा नवाचारों का व्यापक प्रभाव

एचएम सौरभ कुमार बताते है कि “शिक्षा” अपने आप में एक बहुस्तरीय शब्द है, इसलिए इसे कैसे बेहतर बनाया जाये, इस बारे में सोचना किसी भी नये विचार, तरीके और तकनीक को शामिल कर सकता है जो सीखने के अनुभव को बढ़ाता है और शिक्षा के परिणामों को बेहतर बनाता है. हालांकि, यह बहुत व्यापक हो सकता है, लेकिन यह उत्साहजनक भी हो सकता है. सीखने को परिभाषित करने के जितने तरीके हैं, इस क्षेत्र को बेहतर बनाने और विकसित करने के उतने ही व्यापक तरीके हैं. इसमें नई शिक्षण तकनीकों और पाठ्यक्रम डिजाइन से लेकर डिजिटल टूल और ऑनलाइन संसाधनों तक सब कुछ शामिल हो सकता है. शिक्षा में नवाचार का अंतिम लक्ष्य सभी स्तरों पर छात्रों के लिए सीखने को अधिक व्यक्तिगत, आकर्षक और प्रभावी बनाना है. शिक्षा में नवाचार को अपनाकर, शिक्षक अधिक गतिशील और प्रभावी शिक्षण वातावरण बना सकते हैं जो छात्रों को आज की तेजी से बदलती दुनिया में सफल होने के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और योग्यता विकसित करने में मदद करते हैं. शिक्षा में नई प्रगति सिर्फ छात्रों को ही प्रभावित नहीं करती. इनमें शिक्षकों और उनके परिवारों के जीवन को भी बदलने की क्षमता होती है.

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