17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हड़ताल से चरमरायी स्वास्थ्य सेवा

आक्रोश. हमले के विरोध में हड़ताल पर रहे जिले भर के डॉक्टर निजी क्लीनिकों में भी डॉक्टरों ने बंद रखा ओपीडी डॉक्टरों की हड़ताल काे आइएमए ने दिया समर्थन समस्तीपुर : डॉक्टर एसबी सिंह की हत्या के विरोध में शनिवार को भाषा के आह्वान पर जिले के सरकारी व गैर सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर रहे. […]

आक्रोश. हमले के विरोध में हड़ताल पर रहे जिले भर के डॉक्टर

निजी क्लीनिकों में भी डॉक्टरों ने बंद रखा ओपीडी
डॉक्टरों की हड़ताल काे आइएमए ने दिया समर्थन
समस्तीपुर : डॉक्टर एसबी सिंह की हत्या के विरोध में शनिवार को भाषा के आह्वान पर जिले के सरकारी व गैर सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर रहे. हड़ताल का समर्थन आइएमए ने भी किया है. डॉक्टरों की हड़ताल के कारण जिले की स्वास्थ्य सेवा चरमरा गयी.
सुबह सदर अस्पताल समेत विभिन्न अस्पतालों में इलाज कराने पहुंचे मरीजों को लौटना पड़ा. हालांकि डॉक्टरों ने मानवीय दृष्टिकोण के आधार पर सदर अस्पताल में इमरजेंसी सेवा को बहाल रखा था.
डॉक्टरों की हड़ताल के कारण ओपीडी में इलाज कराने के लिए अस्पताल पहुंचे मरीजों को लौटना पड़ा. जिससे मरीज व उनके परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.बाद में सदर अस्पताल के अलावा शहर के डॉक्टरों ने अस्पताल परिसर में बैठक कर मृतक डॉक्टर के परिजन को मुआवजा के अलावा सरकारी नौकरी देने की मांग की.
डॉक्टरों ने कहा कि सरकारी अस्पतालों से लेकर निजी क्लीनिकों तक डॉक्टर असुरक्षित हैं.डॉक्टरों के लिए अलग से सुरक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए. बाद में डॉक्टरों का एक प्रतिनिधि मंडल डीएम से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा.
बैठक के दौरान भाषा के जिला सचिव डॉ एभी सहाय के अलावा डॉ बीपी राय, डॉ हेमंत कुमार, डॉ पवन कुमार, डॉ जयकांत कुमार, डॉ पुष्पा रानी आदि समेत आइएमए की ओर से जिला सचिव डॉ सुशांत कुमार, अध्यक्ष डाॅ आरएन सिंह,डॉ निखिल मिश्रा,डॉ पीके दास, डॉ सौमेंदु मुखर्जी, डॉ निशांत कुमार, डॉ चंद्र मणि,डॉ महेश ठाकुर , डॉ एके आदित्या, डॉ ब्रजेश कुमार आदि डॉक्टरों ने भाग लिया.
क्लीनिक बंद किया :रोसड़ा़ प्रखंड के सभी सरकारी व निजी क्लीनिक के डाॅक्टरों ने आइएमए एवं भाषा के आह्वान पर आइएमए एवं आइडीए के चिकित्सकों ने बिहार में डाॅक्टरों पर अापराधिक घटनाओं में वृद्धि के विरोध में शनिवार को अपने-अपने क्लीनिक को बंद कर कार्य का बहिष्कार किया़
सभी अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचकर सिर्फ आपातकालिन सेवा को बहाल रखने के लिए सभी डाॅक्टरों ने मरीजों का नि:शुल्क इलाज करने का निर्णय लिया़ सभी चिकित्सक शनिवार को दस बजे दिन से अनुमंडलीय अस्पताल में पहुंचे़
चिकित्सकों ने कहा कि बिहार में अपराध काफी बढ़ गया है़ पिछले दिनों मोतिहारी के एक डाॅक्टर एसबी सिंह की नृशंस हत्या कर दी गयी़ वक्ताओं ने कहा कि सहरसा में डाॅक्टर से अपराधियों ने रंगदारी की मांग की.
वहीं जोकिहाट में एक महिला डाॅक्टर अपराधियों ने अमानवीय व्यवहार किया़ इसके अलावे भी कई घटनाएं हो चुकी है और वर्तमान में भी हो रही है़ डाॅक्टरों ने सरकार की उपेक्षापूर्ण नीति पर खेद व्यक्त करते हुए सुरक्षा व्यवस्था करने की मांग की़ उपस्थित डाॅक्टरों ने अनुमंडलीय अस्पताल की व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा किया़ साथ ही कहा कि इस अस्पताल में पिछले कई वर्षों से ब्लड बैंक चालू करने का आश्वासन सरकार द्वारा मिल रही है़ परंतु अब तक इसे चालू नहीं किया गया़ इसमें कौन व्यक्ति दोषी है उसके बारे में जानकारी देने की मांग सरकार से की गयी़ अंत में मृतक डाॅक्टर के प्रति शोक व्यक्त करते हुए दो मिनट मौन रखा गया़
मौके पर डॉ रामलक्ष्मण पंजियार, डॉ दिनेश कुमार निर्मल, डॉआरबी चौधरी, डॉ राकेष रौशन, डॉ केके झा, डॉ कंचन माला, डॉ शतीश प्रसाद सिंह, डॉ नवीन कुमार शर्मा, डॉ जयनंदन प्रसाद, डॉ संजय पंजियार, डॉ सौरव कुमार, डॉ मिनाक्षी ठाकुर, डॉ विकास कुमार, डॉ मनीश कुमार, डॉ अमित कुमार, डॉ नीतेश कुमार सिंह, डॉ आलोक कुमार आदि उपस्थित थे़
हड़ताल से ओपीडी सेवा रही ठप: दलसिंहसराय . सुरक्षा व अन्य मांगों को लेकर अनुमंडल अस्पताल समेत निजी अस्पतालों व क्लीनिकों के चिकित्सक शनिवार को हड़ताल पर रहे. इससे अनुमंडल अस्पताल की ओपीडी सेवा ठप रही और जरुरतमंद मरीज परेशान व हलकान रहे. हालांकि अस्पताल में इमरजेंसी सेवा में गंभीर रूप से बीमार तीन मरीजों की चिकित्सा करने की बात डॉ एस डॉ अरुण कुमार ने कही. लेकिन ओपीडी सेवा में चिकित्सकों के नहीं रहने से मरीज़ों को बैरंग वापस लौटना पड़ा. दूसरी तरफ निजी अस्पतालों व क्लीनिकों के अधिकांश चिकित्सकों के भी हड़ताल के समर्थन में रहने से मरीजों को दिन भर इधर उधर भटकना पड़ा.
हसनपुर : सहरसा सहित अन्य जिलों में चिकित्सकों पर हुए हमले पर क्षोभ व्यक्त करते हुए आइएमए के आह्वान पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हसनपुर के चिकित्सक एक दिवसीय हड़ताल पर रहे. उनलोगों के द्वारा इमरजेंसी रोगी को ही देखा गया. जिससे सामान्य मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. उक्त जानकारी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ जय प्रकाश भिंदवार ने दी.
दूर-दराज से आये मरीजों को हुई काफी परेशानी
हड़ताल के दौरान सदर अस्पताल में बैठक करते डाॅक्टर एवं नशा मुक्ति केंद्र के बाहर हो हल्ला करते मरीज. फोटोÀ प्रभात खबर
इलाज को भटक रहे मरीजों ने किया हंगामा: स्थानीय सदर अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे मरीजों को हड़ताल के कारण
परेशानियों का सामना करना पड़ा. जिले के सुदूर इलाकों से आये मरीजों ने ओपीडी बंद होने के कारण हंगामा किया. मरीजों का कहना था कि जब डॉक्टर ओपीडी में नहीं देख रहे हैं तो अस्पताल कर्मी द्वारा उनका पुरजा बनाकर क्यों दिया जा रहा है. इमरजेंसी में उपलब्ध डॉक्टर मरीजों को नहीं देख रहे हैं. सभी को उपचार के लिए सोमवार को आने को कह रहे थे.जिससे नाराज मरीजों ने हंगामा शुरू कर दिया.हालांकि बाद में अस्पताल के सुरक्षा गार्ड ने मरीज व उनके परिजनों को समझाकर शांत कराया. इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर ने बताया कि इमरजेंसी को सिर्फ गंभीर मरीजों को देखने लिए खोल कर रखा गया है.
निजी क्लीनिकों में भी डॉक्टरों ने बंद रखा ओपीडी: भाषा के राज्यव्यापी आंदोलन को आइएमए ने भी समर्थन किया है. जिससे शहर के विभिन्न निजी क्लीनिकों में आज डॉक्टरों ने ओपीडी का कार्य ठप रखा. क्लीनिकों में भी सिर्फ गंभीर मरीजों को देखा गया.आइएमए के सचिव डॉ सुशांत कुमार ने बताया कि सरकारी डॉक्टरों के आंदोलन का आएमए ने समर्थन किया है. जिले भर के निजी क्लीनिक में सुबह से ओपीडी कार्य ठप है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें