रोसड़ा : समस्तीपुर जिले का 14 वर्ष पूर्व के बहुचर्चित एसिड अटैक में तीन लोगों की मौत मामले में रोसड़ा एडीजे वेद प्रकाश सिंह के कोर्ट ने सोमवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. मामले में विगत 10 अप्रैल को दोषी ठहराये गये एक दर्जन अभियुक्तों के विरुद्ध कोर्ट ने हत्या से संबंधित धारा 302 के […]
रोसड़ा : समस्तीपुर जिले का 14 वर्ष पूर्व के बहुचर्चित एसिड अटैक में तीन लोगों की मौत मामले में रोसड़ा एडीजे वेद प्रकाश सिंह के कोर्ट ने सोमवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. मामले में विगत 10 अप्रैल को दोषी ठहराये गये एक दर्जन अभियुक्तों के विरुद्ध कोर्ट ने हत्या से संबंधित धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनायी है.
साथ ही 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी. अर्थदंड नहीं देने पर एक-एक वर्ष के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा सुनायी. धारा 147 के तहत एक-एक वर्ष के कारावास की सजा, धारा 148 के तहत दो-दो वर्ष कारावास की सजा, धारा 324 के तहत तीन -तीन वर्ष के कारावास की सजा एवं धारा 341 के तहत एक-एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनायी है.
सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी. सजा सुनाये गये अभियुक्तों में ढ़ट्ठा गांव के दिनेश महतो (44), धर्मेंद्र महतो (37), जय कुमार महतो (40), अमर नाथ महतो (40), जितेंद्र कुमार (30), बड़े लाल महतो (46), रामदेव महतो (75), राम उदगार महतो (62), राम चरित्र महतो (65), हरे राम महतो (45), श्रीनारायण महतो (50), हरिचरण महतो (40) शामिल हैं. फैसला के बाद सभी सजायाफ्ता को न्यायिक हिरासत में रोसड़ा उपकारा भेज दिया गया. मामले में तीन लोगों की गवाही हो चुकी थी.
फैसला सुनाते समय सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों एवं आसपास के लोगों की भीड़ कोर्ट परिसर के बाहर निर्णय सुनने के लिए जमें थे. सभी को इस अहम फैसले का इंतजार था. फैसला सुनकर पीड़ित पक्ष के लोगों में एक ओर जहां खुशी का माहौल था. वहीं दूसरी ओर अभियुक्त की ओर से पहुंचे परिवार के लोगों में मायूसी छायी हुई थी.
फैसले से अभियुक्त पक्ष के लोग दुखी थे. एडीजे कोर्ट का यह फैसला अब तक के जिले का सबसे ज्यादा संख्या में आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने का बड़ा फैसला है. फैसला सुनाते समय अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक शिव शंकर यादव व रामाशीष राय एवं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता परमेश्वर प्रसाद सिंह, उपेंद्र ठाकुर, सीताराम यादव, सुधांशु कुमार लाल व कृष्ण कुमार मौजूद थे. वहीं स्पीडी ट्रायल के सअनि प्रमोद कुमार प्रभाकर सक्रिय थे.