महिलाएं घर की चाहरदीवारी से निकलकर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बढ़ाये कदम सहरसा. आज के बदलते दौर में महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में बढ़ रही है. लेकिन ग्रामीण व शहरी स्तर पर आर्थिक स्वावलंबन के लिए अभी भी महिलाओं को और आगे बढ़ने की आवश्यकता है. स्वरोजगार ना केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाता है. बल्कि उनके परिवार व समाज को भी सशक्त करता है. उक्त बातें अगवानपुर कृषि विज्ञान केंद्र की कृषि वैज्ञानिक डॉ सुनीता पासवान ने कही. उन्होंने कहा कि स्वरोजगार के क्षेत्र में कृषि आधारित व्यवसाय, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, मखाना प्रसंस्करण, सिलाई-कढ़ाई, फूड प्रोसेसिंग व स्वरोजगार समूहों से जुड़कर महिलाएं अपनी आर्थिक स्थिति सुधार सकती हैं. महिलाओं को सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं स्वयं सहायता समूह, मुद्रा योजना, स्टार्टअप इंडिया व कौशल विकास कार्यक्रमों का लाभ लेना चाहिए. इन योजनाओं से उन्हें प्रशिक्षण, ऋण व बाज़ार की सुविधा उपलब्ध होती है. डॉ सुनीता पासवान ने कहा कि महिला ठान ले तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रह सकता. स्वरोजगार ही महिलाओं की असली ताकत है. जब महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी तभी परिवार व समाज की तस्वीर बदलेगी. समाज में बदलाव तभी संभव है जब महिलाएं घर की चाहरदीवारी से निकलकर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ायें. उनका यह प्रयास ना केवल परिवार की आय बढ़ायेगा. बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा.
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