सिरप में सीमा से कहीं अधिक पायी गयी डाय इथाईलिन नामक केमिकल की मात्रा तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का दिया गया आदेश सहरसा. देश में कफ सीरप से कई बच्चों की मौत के मामले को लेकर जिला औषधि नियंत्रण प्रशासन ने जिला पदाधिकारी व सिविल सर्जन के आदेश पर जिले में बिक रही खांसी की दवा रेसपीफ्रेस टीआर कफ सीरप को मानक गुणवत्ता से निम्न घोषित करते हुए इसके वितरण और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश जारी किया है. औषधि निरीक्षक द्वारा बताया गया है कि यह दवा रेडनेक्स फार्मास्युटिकल प्रालि द्वारा निर्मित है. दवा का बैच नंबर आर 01 जीएल 1523, निर्माण जनवरी 2025 व समाप्ति तिथि दिसंबर 2026 है. ड्रग्स टेस्टिंग लेबोरेटरी, भोपाल में जांच के दौरान पाया गया कि इस सिरप में डाय इथाईलिन नामक केमिकल की मात्रा सीमा से कहीं अधिक पायी गयी. यह रासायनिक तत्व अत्यंत हानिकारक व विषैला होता है, जो शरीर में प्रवेश करने पर गुर्दे, यकृत एवं तंत्रिका तंत्र को गंभीर क्षति पहुंचा सकता है. औषधि नियंत्रण प्रशासन द्वारा जिले में कफ सीरप दवा के वितरण, बिक्री एवं उपयोग पर तुरंत प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया है. साथ ही मेडिकल स्टोर, मेडिकल एजेंसी में जांच की जा रही है. हालांकि पतरघट में जांच के दौरान रेसपीफ्रेस टीआर कफ सीरप नहीं मिला. ड्रग इंस्पेक्टर ने कुछ मेडिकल स्टोर से प्रतिबंधित कोडिन युक्त कफ सीरप व नशीली दवाओं का नमूना जांच के लिए लिया है. जिले के सभी औषधि निरीक्षक को आदेश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में इस दवा की बिक्री की निगरानी करें और यदि कहीं यह दवा उपलब्ध हो तो उसे तुरंत जब्त कर संबंधित जानकारी कार्यालय को उपलब्ध करायें. जिले के ड्रग इंस्पेक्टर सत्येन्द्र कुमार, कुमार संजय, पंकज रंजन भारती द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में मेडिकल स्टोर व मेडिकल एजेंसी में जांच की जा रही है.
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