सहरसा . मैथिली अकादमी बिहार के पूर्व अध्यक्ष, साहित्य अकादमी एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य, अंतर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन के अध्यक्ष, मैथिली लोक साहित्यक इतिहासकार डॉ महेंद्र नारायण राम को सहरसा प्रवास के क्रम में पूर्व मैथिली विभागाध्यक्ष डॉ कुलानंद झा ने अपने गंगजला स्थित आवास पर सम्मानित किया. डॉ कुलानंद झा ने डॉ राम को पाग, चादर एवं पुस्तक देकर सम्मानित किया. इस अवसर पर डॉ संजय वशिष्ट व दिलीप कुमार झा भी मौजूद थे. डॉ राम द्वारा कोंकणी भाषा में दामोदर माउजी लिखित कारमेली पुस्तक का मैथिली अनुवाद किया गया. जिसके कारण उन्हें 2012 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया. वर्तमान में वे उनकी मैथिली लोक साहित्यक इतिहास पुस्तक का प्रकाशन मैथिली, भोजपुरी अकादमी द्वारा प्रकाशित किया गया है. उन्हें अब तक मिथिला रत्न, मिथिला विभूति, मैथिली श्री, मिथिला शिरोमणि, साहित्य रत्न, मिथिला गौरव जैसे राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित मंच पर उन्हें उपाधि प्रदान किया गया है. वहीं उनके द्वारा अब तक 50 से अधिक मैथिली एवं हिंदी में पुस्तके लिखी जा चुकी है. जिसमें लोक साहित्य पर आधारित एक दर्जन से अधिक पुस्तक प्रकाशित हो चुकी है. जिसके तहत कविता संग्रह जागि गेल छी, कथा संग्रह मनतोरिया, शोध समीक्षा, मैथिली लोक गाथा, कारिख परिवार, मैथिली लोकगीत, लोक संदर्भ, लोक दर्शन, दलित दर्शन, भारतीय संस्कृति में जातीय जीवन, लोक साहित्य में दलित विमर्श, पंजी प्रथा, मिथिला अमर्त्य संस्कृति, डाक वचन, लोक भजन, दीना भद्री लोक गाथा, सलहेस लोक गाथा, भगैत गहबर गीत, मैथिली लोक साहित्य इतिहास जैसे अनेक पुस्तकों की रचनाकर अमूल्य निधि समाज को सौंपी है. उन्हें अब तक रंग साहित्य सम्मान, हिंदी विशिष्ट सेवा सम्मान नेपाल, लोक साहित्य सम्मान, मलंगिया सम्मान, लक्ष्मीनाथ गोसाई सम्मान, किरण विशिष्ट अतिथि सम्मान, बाबा यात्री अतिथि, उच्चैठ कालिदास सम्मान, भोला पासवान शास्त्री राष्ट्रीय शिखर सम्मान सहित अनेक सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है. डॉ कुलानंद झा ने कहा कि डॉ. महेंद्र नारायण राम एक लोकविद् के रूप में प्रतिष्ठित व्यक्तित्व हैं. मैथिली अकादमी, बिहार के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. वर्तमान में अन्तरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन के अध्यक्ष हैं. साहित्य की प्राय: सभी विधाओं में इन्होंने अपनी लेखनी चलाई है. इनकी पचास से अधिक पुस्तकें एवं आलेख प्रकाशित हैं.
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