महिलाओं और बाजार आने वाली लड़कियों को होती है सबसे ज्यादा दिक्कत सहरसा. शहर विकसित हो रहा है, बाजारों का विस्तार हो रहा है. भीड़ बढ़ रही है, दुकानों की संख्या में इजाफा हो रहा है. लेकिन शहर की बुनियादी जरूरतों को लेकर जो हालात हैं, वह आज भी चिंताजनक है. खासकर सार्वजनिक शौचालय और यूरिनल की कमी ने शहरवासियों की दिक्कतें बढ़ा दी हैं. हालात यह है कि पूरे शहर में पर्याप्त संख्या में यूरिनल नहीं होने से लोगों को रोजाना भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सबसे अधिक दिक्कत महिलाओं और बाजार आने वाली लड़कियों को उठानी पड़ रही है. भीड़भाड़ वाले इलाकों में सबसे ज्यादा समस्या शहर का बस स्टैंड, गांधीपथ, डीबी रोड, सब्जी मंडी, समाहरणालय रोड जैसे इलाकों में होती है. जहां रोजाना हजारों की संख्या में लोग आते-जाते हैं, भीड़भाड़ के बीच खरीदारी करने वालों में महिलाएं भी बड़ी संख्या में होती है. लेकिन शहर में सार्वजनिक शौचालय और यूरिनल नहीं होने के कारण उन्हें बीच-बीच में भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है. महिलाओं को होती है भारी परेशानी दुकानदार बताते हैं कि महिलाएं अक्सर शौचालय के लिए रास्ता पूछती हैं. लेकिन पूरी मार्केट में ढंग का इंतजाम नहीं होने से मजबूरन उन्हें मना करना पड़ता है. महिलाओं के लिए समस्या सबसे गंभीर सार्वजनिक जगहों पर शौचालय न होना किसी के लिए परेशानी का विषय होता है. लेकिन महिलाओं की स्थिति इससे ज्यादा संवेदनशील है. संत नगर से खरीदारी करने आयी मीना देवी ने बताया कि बच्चों के साथ बाजार आये तो दो-तीन घंटे में ही शौचालय की जरूरत पड़ती है. लेकिन समस्या यह है कि आसपास कहीं भी ऐसा इंतजाम नहीं है. मजबूरन जल्दी-जल्दी खरीदारी कर घर लौटना पड़ता है. कॉलेज जाने वाली छात्राएं कहती हैं कि बाजार जाते समय सबसे बड़ी चिंता यही रहती है कि जरूरत पड़ने पर कहां जायेंगे. दुकानदारों की भी मजबूरी दुकानदारों ने इस समस्या को स्वीकार करते हुए कहा कि पूरे बाजार इलाके में सार्वजनिक सुविधाएं न होने के कारण दुकानदारों को भी असहज स्थिति से गुजरना पड़ता है. डीबी रोड के दुकानदारों ने बताया कि सार्वजनिक यूरिनल की कमी साफ दिखती है. शहर में महावीर चौक स्थित यूरिनल की स्थिति जर्जर है. उस यूरिनल की भी समुचित सफाई नहीं होने के कारण बदबू फैली रहती है. जिसके कारण आसपास के दुकानदार व राहगीरों को काफी परेशानी होती है. नगर निगम की लापरवाही नगर निगम द्वारा भीड़भाड़ इलाकों में यूरिनल व शौचालय का निर्माण नहीं किया गया है. चलंत शौचालय जर्जर होकर निगम कार्यालय का शोभा बढ़ा रहा है. इनमें से अधिकांश या तो बंद पड़े हैं या फिर बदहाल स्थिति में हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

