एक सांसद का दो कार्यकाल व एक सांसद का एक कार्यकाल, फिर भी एक लाइफ लाइन सड़क का निर्माण अधूरा
नवहट्टा. कोसी पूर्वी तटबंध के अंदर महिषी विधानसभा के नवहट्टा प्रखंड के सतौर चौक के बरुआही से लेकर हाटी पंचायत के देवका तक 24 किलोमीटर लंबी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का निर्माण कार्य अब तक अधूरा पड़ा हुआ है. वर्ष 2017 में तत्कालीन सांसद पप्पू यादव ने सड़क का शिलान्यास किया था. उस समय के तत्कालीन संवेदक अरविंद सिंह मिट्टी वर्क कर काम को आधा अधूरा छोड़कर भाग गये, जिसके बाद वर्ष 2019 में सांसद दिनेश चंद्र यादव ने सांसद के रूप में निर्वाचित होने के बाद सड़क विहीन गांवों की समस्या को गंभीरता से लिया. सांसद ने सदन में आवाज बुलंद कर केंद्रीय पथ निर्माण मंत्री से मिलकर सड़क निर्माण व राशि बढ़ोतरी की मांग की. जिसके बाद सांसद दिनेश चंद्र यादव के 2019 से 2024 के कार्यकाल में 21 नवंबर 2021 को सड़क निर्माण की राशि बढ़ोतरी कर नए संवेदक आलोक कंट्रक्शन्स व ओम साईं कंट्रक्शन्स के द्वारा सड़क का निर्माण का शुरू किया गया. सांसद का कार्यकाल समाप्त हो जाने बावजूद सड़क का निर्माण कार्य संवेदक जवाहर यादव के द्वारा पूरा नहीं किया गया. वर्ष 2024 में फिर से दिनेश चंद्र यादव सांसद के रूप निर्वाचित हुए. लेकिन सड़क का निर्माण कार्य अब तक अधूरा पड़ा हुआ है.बाढ़ का पानी जमे रहने के कारण लोगों को हो रही परेशानी
सड़क की स्थिति ऐसी बनी हुई है कि जगह-जगह पर छोटे-बड़े पुल पुलियों का निर्माण तो कर दिया गया है, लेकिन संवेदक के द्वारा सड़क में मिट्टी वर्क एवं सड़क निर्माण का कार्य नहीं किया जा रहा है. जिस कारण लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है. 2023 में परताहा गांव से सटे पश्चिम छर्रापट्टी के समीप पुलिया निर्माण के लिए संवेदक द्वारा गड्ढा खोदा गया, लेकिन गड्ढे की जगह न पुल निर्माण किया गया, न ही मिट्टी भरायी की गयी. जहां बाढ़ का पानी जमे रहने के कारण लोगों को काफी परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है. पीएमजी सड़क जो 50 करोड़ से अधिक की है, उसकी यहां की सड़क पर नाव से पार कर आवागमन करना मजबूरी बनी हुई है.गांवों में रिश्ता जोड़ने से हिचकिचाते हैं लोग
नवहट्टा प्रखंड के सात पंचायत के दो दर्जन से अधिक गांव के लोगों का जन-जीवन आज भी गुलामी जैसी जीवन में जकड़ा हुआ है, जहां लोग अपने ही घर में छह माह के लिए कैद हो जाते हैं. वहीं बाढ़ अवधि बीत जाने के बावजूद सड़क, स्वास्थ्य व मूलभूत पक्की सड़क नहीं होने के कारण आवागमन से वंचित होकर नाव व पैदल सफर करने को विवश हो रहे हैं. तटबंध के अंदर इन गांवों की सड़क व आवागमन ऐसा है कि अब बाहरी लोग रिश्तेदारी तक के लिए इंकार कर देते हैं कि आवागमन का कोई माध्यम नहीं है, इस गांव में रिश्तेदारी नहीं करेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

