ग्रामीणों ने शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन दे जांच की मांग की बनमा ईटहरी . अंचल क्षेत्र के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय महारस की शिक्षा समिति के गठन में अनियमितता का आरोप लगा है. ग्रामीणों ने प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन देकर मामले की जांच की मांग की है. जानकारी के अनुसार महंत रामलखन दास ने विद्यालय के लिए एक एकड़ अठासी डिसमिल जमीन दान की थी. वर्ष 2017 में सांसद दिनेश चंद्र यादव, विधायक रत्नेश सादा, प्रमुख रमेश चंद्र यादव, पूर्व प्रमुख स्वर्गीय रोहित यादव, शंकर यादव, पूर्व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मिथिलेश सिंह और समस्त ग्रामीणों की सर्वसम्मति से विद्यालय में महंत रामलखन दास को भूदाता के रूप में मान्यता दी गयी थी. हालांकि सितंबर 2025 में उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय महारस की शिक्षा समिति के गठन के दौरान भूदाता रामलखन दास का नाम हटा दिया गया. उनकी जगह गलत तरीके से सत्यनारायण सिंह का नाम शामिल किया गया, जिन्होंने विद्यालय को एक धुर भी जमीन नहीं दी है. इसके अतिरिक्त, हंसराज सिंह का नाम भी शिक्षा प्रेमी के रूप में गलत तरीके से जोड़ा गया, जो नियमों के विरुद्ध है. ग्रामीणों ने बताया कि इस अनियमितता के कारण विद्यालय में लगातार अराजकता फैल रही है. उन्होंने अपने आवेदन के साथ पूर्व की बैठकों के सभी हस्ताक्षर और संबंधित कागजात संलग्न किए हैं. ग्रामीणों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी सह प्रभारी शिक्षा पदाधिकारी से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है. पंचायत समिति सदस्य मनोज ठाकुर, प्रवीण कुमार, अनिल प्रियवर्ती, रणजीत सिंह, पंकज कुमार, नीतीश कुमार, विजेंद्र कुमार यादव, लक्ष्मण कुमार, जालंधर यादव, अभिषेक कुमार, विष्णु देव सिंह, मुकेश कुमार यादव, संतोष कुमार सिंह, संजय यादव सहित अन्य ग्रामीणों ने स्कूल के नाम में हुई इस छेड़छाड़ की जांच की मांग की है. यह आवेदन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के साथ-साथ जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी दिया गया है.
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