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मात्र 90 किमी होगी दरभंगा की दूरी
उपलब्धि. गंडौल से बिरौल (दरभंगा) के बीच काम युद्धस्तर पर जारी दीपांकर सहरसा : प्राकृतिक आपदा व जमीन अधिग्रहण की बाधा के कारण मिथिलांचल के दो जिलों सहरसा व दरभंगा का मिलन इस साल संभव नहीं हो पाया. अगले साल फरवरी महीने से ही सहरसा से दरभंगा की दूरी मात्र 90 किलोमीटर रह जायेगी. जिले […]
उपलब्धि. गंडौल से बिरौल (दरभंगा) के बीच काम युद्धस्तर पर जारी
दीपांकर
सहरसा : प्राकृतिक आपदा व जमीन अधिग्रहण की बाधा के कारण मिथिलांचल के दो जिलों सहरसा व दरभंगा का मिलन इस साल संभव नहीं हो पाया. अगले साल फरवरी महीने से ही सहरसा से दरभंगा की दूरी मात्र 90 किलोमीटर रह जायेगी. जिले के गंडौल से दरभंगा के बिरौल के बीच पुल व सड़क निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर जारी है.
बलुआहा के कोसी महासेतु से कमला नदी पर बनने वाले इस पुल के पूरा हो जाने से सहरसा से दरभंगा की दूरी महज 90 किलोमीटर रह जायेगी. जबकि समस्तीपुर 105, मधुबनी 120, मुजफ्फरपुर 156, हाजीपुर 166 व पटना की दूरी मात्र 188 किलोमीटर में सिमट जायेगी. बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना प्रगति पर है और अभी से जिले को इससे फायदा नजर आने लगा है. जिले के लोग अभी से इस निर्माणाधीन रास्ते का उपयोग कर डेढ़ से दो घंटे में दरभंगा व मधुबनी की सीधी यात्रा करने लगे हैं.
फाउंडेशन पूरा, सुपर स्ट्रक्चर जारी : गंडौल से दरभंगा के बिरौल तक 13 किलोमीटर की दूरी में बनने वाले 11 लघु व दो बड़े पुल के फाउंडेशन व सबस्ट्रक्चर का काम पूरा कर लिया गया है. इसके अलावे सभी 21 कल्वर्ट व गाइड बांधों का निर्माण कार्य भी पूरा हो चुका है.
इन पुलों के बीच 11.7 किलोमीटर के एप्रोच पथों का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. कार्य एजेंसी गैमन इंडिया के प्लानिंग मैनेजर तन्मय साहा ने बताया कि हर हाल में फरवरी 2017 में पुल सह सड़क का निर्माण पूरा कर इसे सरकार को सौंप दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि योजना 231 करोड़ रुपये की थी. पुनरीक्षण के बाद 261 करोड़ रुपये की राशि तय हुई. विलंब के कारण कार्य एजेंसी को 1.1 करोड़ रूपये की राशि जुर्माने के रूप में भी देनी पड़ी है.
प्राकृतिक आपदा से हुआ विलंब
प्लानिंग मैनेजर ने बताया कि निर्माण कार्य मार्च 2016 में ही पूरा करना था. भूमि अधिग्रहण बड़ी बाधा बन कर सामने आयी. वहीं अक्टूबर 2013 में आये फेलिन की बारिश से फरवरी 2014 तक निर्माणाधीन क्षेत्र में जलजमाव बना रहा. उसके बाद उसी वर्ष 2014 में कमला बलान बांध के टूटने से भी क्षेत्र में बाढ़ आयी, उससे भी कार्य प्रभावित हुआ. उन्होंने बताया कि सड़क निर्माण के लिए 25 लाख क्यूबिक मिट्टी की आवश्यकता को पूरा करना चुनौती साबित हो रहा है. लेकिन निर्धारित अवधि तक काम पूरा कर लिया जायेगा.
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