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कल से तिल-तिल कर बढ़ने लगेगा दिन

कल से तिल-तिल कर बढ़ने लगेगा दिन कल कुल देवता को चढ़ेगा तिल व गुड़ का प्रसादउग्रतारा स्थान में लगेगा छप्पन भोगमकर सक्रांति कल, श्रद्धापूर्वक मनाने की तैयारीगंगा स्नान करने गये हजारों की तादाद में लोगदूध की भारी आपूर्ति, फिर भी किल्लतप्रतिनिधि, सहरसा नगरमकर सक्रांति को लेकर स्थानीय बाजार में तिल और तिलकुट खरीदने को […]

कल से तिल-तिल कर बढ़ने लगेगा दिन कल कुल देवता को चढ़ेगा तिल व गुड़ का प्रसादउग्रतारा स्थान में लगेगा छप्पन भोगमकर सक्रांति कल, श्रद्धापूर्वक मनाने की तैयारीगंगा स्नान करने गये हजारों की तादाद में लोगदूध की भारी आपूर्ति, फिर भी किल्लतप्रतिनिधि, सहरसा नगरमकर सक्रांति को लेकर स्थानीय बाजार में तिल और तिलकुट खरीदने को लेकर चहल पहल बढ़ गयी है. ठंड से बेहाल लोगों पर बुधवार की सुबह भगवान भास्कर जहां नाराज दिखे, वहीं दस बजे के बाद सूर्य की किरण ने मेहरबानी की. जिसके कारण लोगों ने राहत की सांस ली और बाजार में खरीदारी करने भी निकले. गर्म गर्म धूप में खरीदारी करते लोगों से बाजार की चहल पहल देखते ही बन रही थी. इन दिनों शहर में खुले दर्जन भर तिलकुट की दुकानों पर सर्वाधिक भीड़ रही. 200 से 300 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहे पटना, गया और खगड़िया के तिलकुट की दुकानों पर दिन भर लोगों का तांता लगा रहा. तिलकुट की ही दुकान पर 15 रुपये पीस की दर से बिक रहे घीवर को खरीदने के लिए भी लोगों को अपनी बारी का इंतजार करते हुए देखा गया. जबकि घर पर तिल का लड्डू बनाने के लिए उजले एवं काले तिल और गुड़ की दुकानों पर भी भीड़ उमड़ी रही. भागलपुर का कतरनी चूरा एवं सब्जियों को खरीदने के लिए दुकानों पर लोगों का दिन भर आना जाना लगा रहा. इसके अलावा मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं का तांता गुरुवार को सहरसा से खुलने वाली ट्रेन व बसों में लगने की संभावना व्यक्त की जा रही है. कुल देवता को चढ़ेगा तिलसंक्रांति के दिन लोग अपने कुल देवता को तिल व गुड़ से बने प्रसाद का भोग लगाते हैं. इसके अलावा मिथिलांचल के घरों में भी चूरा व गुड़ के मिश्रण से लाइ बनाने की पंरपरा है. प्रत्येक वर्ष मकर संक्रांति के मौके पर प्रसिद्ध शक्तिपीठ उग्रतारा स्थान स्थित मां उग्रतारा के मंदिर में छप्पन भोग लगाया जाता है. ग्रामीणों ने बताया कि मंदिर के गर्भ गृह में लगाये जाने वाले आकर्षक छप्पन भोग को देखने दूर दराज से भी श्रद्धालु आते हैं. दही-चूड़ा खाने की है प्रथामकर सक्रांति को दही चूड़ा खाने की प्रथा को लेकर बाजार में भी दूध और दही की आपूर्ति बहुतायात मात्रा में की गयी है. इसके बावजूद दूध के किल्लत को लेकर संभावना कायम है. अधिकांश लोगों ने दो दिन पहले से ही दूध को जमा करना शुरू कर दिया था. बावजूद बुधवार की सुबह से ही दूध के लिये लोगों ने विक्रेता से संपर्क करना शुरू कर दिया है. सुधा दूध के दीपक सिंह बताते हैं कि 70 हजार लीटर दूध व दो हजार किलो दही का आर्डर दिया जा चुका है. इधर विभिन्न होटलों में दही की किल्लत नहीं दिख रही है. दुकानदारों ने भी अपने स्तर से पर्याप्त दूध जमा कर दही बनाने की पूरी तैयारी कर रखी है. डीबी रोड स्थित मौजी साह की दही दुकान के मनोज साह ने बताया कि गुरुवार सुबह से ही दही की डिलेवरी दी जायेगी.विशेष होती है संक्रांति की खिचड़ी मकर सक्रांति के मौके पर अधिकांश घरों में खिचड़ी खाने व खिलाने की प्रथा कायम है. विशेष ढ़ंग से निर्मित खिचड़ी का भोग भगवान को भी लगाया जाता है. विशेष खिचड़ी के निर्माण में गृहिणी बाजार में उपलब्ध सभी प्रकार के दाल के अलावा सब्जी का प्रयोग करती है. हालांकि कुछ लोग बताते हैं कि मकर सक्रांति के दिन पीले रंग का भोजन करना ग्रह नक्षत्र के दोष के निवारण के लिए हितकर होता है. भगवान भास्कर की होगी अराधनामकर संक्रांति पर्व से सूर्य दक्षिणायन की अपनी स्थिति छोड़ उत्तरायण होने लगता है. आज के बाद से धीरे-धीरे सूर्य की किरणों में तपिश बढ़ती जायेगी और रात की अपेक्षा दिन बड़ा होता जायेगा. ऐसा माना जाता है कि हिंदु धर्म के अधिकांश देवताओं का निवास स्थान उत्तरी गोलार्द्ध में था. इसीलिए सूर्य के उत्तरायण प्रवेश की तिथि को काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, जो काफी शुभ माना जाता है और इसीलिए मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है.फोटो- तिलकुट 7 व 8 – दुकान पर लगी लोगों की भीड़

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