सहरसा : सदर अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक डॉ एसके आजाद ने स्थानीय भाजपा विधायक डॉ आलोक रंजन पर दुर्व्यवहार व जाति सूचक शब्दों के प्रयोग को लेकर दिये आवेदन को गलतफहमी बताते हुए वापस ले लिया है. मंगलवार को सदर थाना पुलिस को दिये एक आवेदन में डॉ आजाद ने बताया कि विधायक द्वारा उनसे किसी भी प्रकार का र्दुव्यवहार नहीं किया गया था. इतना ही नहीं, विधायक द्वारा जाति सूचक शब्द का प्रयोग भी नहीं किया गया था.
उन्होंने बताया कि उनका विधायक के साथ किसी भी प्रकार का कोई गिला शिकवा नहीं है. सदर थानाध्यक्ष चंदन कुमार ने बताया कि चिकित्सक द्वारा सुबह में दिया गया आवेदन शाम में वापस ले लिया गया. मालूम हो कि शनिवार की देर शाम गोली लगने से घायल एक बालक को सदर अस्पताल लाया गया था. सिर में गोली लगी होने की वजह से स्थिति की गंभीरता को देखते डॉक्टर द्वारा उसे डीएमसीएच रेफर कर दिया गया, जिसके बाद मौजूद लोगों द्वारा डॉक्टर को जबरन एंबुलेंस में बैठने के लिए बाध्य किया गया था.
बाद में मौके पर पहुंचे सिविल सजर्न द्वारा भी भीड़ की स्थिति को देख डॉक्टर को एंबुलेंस में जाने को कहा गया. इधर, भीड़ की धक्का–मुक्की में डॉक्टर द्वारा जबरदस्ती का आरोप गलतफहमी में विधायक पर लगा दिया गया. लेकिन बाद में इसमें सुधार करते आवेदन वापस ले लिया गया.
इधर डॉक्टर द्वारा आवेदन दिये जाने की बात फैलते ही बुधवार को सदर अस्पताल में डॉक्टरों की बैठक हुई. सरकारी व निजी चिकित्सक बैठक में शामिल हुए. स्थानीय विधायक भी मौके पर पहुंचे, जहां साफ हो पाया कि इसमें विधायक द्वारा किसी तरह का बुरा बरताव या किसी को अप्रिय नहीं कहा गया था. सदर अस्पताल की व्यवस्था सुधारने की बात उन्होंने जरूर कही थी.