रूपौली : प्रखंड के सपहा गांव में एक दिन पहले तक जहां खुशियों का आलम था वहीं दूसरे दिन मातम का मंजर नजर आया. किसी को अहसास तक नहीं था कि गांव के जिन बेटों को खुशियों के माहौल में देवघर के लिए कांवर के साथ विदा किया था उन्हें वे जीवित नहीं देख पाएंगे.
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सपहा गांव: जहां था खुशियों का आलम वहां हादसे में तीन मौत से पसरा मातम
रूपौली : प्रखंड के सपहा गांव में एक दिन पहले तक जहां खुशियों का आलम था वहीं दूसरे दिन मातम का मंजर नजर आया. किसी को अहसास तक नहीं था कि गांव के जिन बेटों को खुशियों के माहौल में देवघर के लिए कांवर के साथ विदा किया था उन्हें वे जीवित नहीं देख पाएंगे. […]
उनकी मौत ने पूरे गांव को आहत कर दिया और सब इस कदर विलख उठे मानो कोई उनका अपना दुनिया से रुखसत हो गया हो. बुधवार की शाम दुमका-भागलपुर के बीच सड़क हादसे में उन तीनों की मौत की खबर यहां रात में ही आ गयी थी पर सबने दम साध रखा था. मन आहत हो जाने के कारण किसी को नींद नहीं आयी.
सभी रतजगा करते रहे. गुरुवार को तीनों की लाश को लेकर जैसे ही एम्बुलेंस गांव पहुंचा, परिजनों के साथ गांव वालों का भी सब्र का बांध टूट गया. पूरी रात की खामोशी चित्कार से टूटी और गांव में मातम छा गया. परिवार वाले लाशों से लिपट कर रोने-विलखने लगे तो ग्रामीणों की आंखों से भी आंसुओं की बारिश शुरू हो गई.
मातम का आलम यहां यह था कि कोई किसी को दिलासा दिलाने की स्थिति में नहीं था. फौजी तरुण की मां मजुला देवी और पिता नेमो मंडल दहाड़ मार रहे थे. मां एक ही बात की रट लगाये थी कि तरुण सावन महीना सिर्फ बाबा भोले नाथ को जल चढाने आया था. आखिर क्या चूक हुई कि उसके लाल बुढापा के सहारा उपर वाले ने छीन लिया.
संध्या में फौजी का शव लेकर आ रहे एम्बुलेंस के सायरन की आवाज सुन पत्नी अनुपमा की चीत्कर से हर कोई सिहर गया. वही बेटी खुशबु कुमारी 13 वर्षीय रो-रो हर एक आने जाने वाले का मुंह निहारते रही. वहीं पुत्र अभिषेक 10 वर्षीय को पिता के कलेजे मे लिपट रोते देख सभी का दिल दहल गया. फौजी तरुण का विधिवत सम्मान के साथ गांव में ही अंतिम संस्कार किया गया.बच्चे, युवा, बुजुर्ग और महिलाएं सबके सब यही कह रहे थे कि न जाने उन्हें किसकी बुरी नजर लग गयी.
कई बुजुर्ग आसमान की ओर बार-बार नजर उठा रहे थे मानो मूक भाव से वे पूछ रहे हों कि इन बच्चों को उनसे क्यों छीन लिया, क्या था दोष उनका, अगर था कोई दोष तो हमें ही उठा लेते. कम से कम बूढ़े कंधों पर जवान बेटों की अर्थी ढोने का गम तो नहीं होता! यहां के बुजुर्ग बताते हैं कि उनके सामने यह पहला हादसा है जब एक साथ तीन बेटों की लाशें गांव आयी हैं. यह गम उन्हें बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
युवा कहते हैं कि उपर वाले ने उनसे उनका भाई छीन लिया. गांव में किसी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. खबर सुन कर आस पास के गांव वाले भी आये और यह दृश्य देख उनकी आंखें भी छलक पड़ीं. महिलाओं का क्रन्दन रोके नहीं रुक रहा था. कई तो रोते-रोते अचेत भी हो गईं जिन्हें घर वालों ने बड़ी मुश्किल से सम्हाला.
याद रहे कि बुधवार की देर शाम दुमका-भागलपुर रोड पर बनियारा गांव के पास सड़क हादसे में इस गांव के फौजी तरुण मंडल, अनिल मंडल और सुभाष मंडल की दर्दनाक मौत हो गयी थी. इसमें छह युवक घायल भी हुए थे जिनका इलाज पीएमसीएच में चल रहा है. गुरुवार को एक एम्बुलेंस के जरिये यहां तीनों युवकों की लाश पहुंची जिससे माहौल गमगीन हो गया.
हादसे से सांसद मर्माहत रविवार को जायेंगे सपहा
पूर्णिया. सांसद संतोष कुशवाहा ने सपहा गांव के तीन कावंरियों की सड़क हादसे में हुई मौत पर गहरी संवेदना जतायी है. उन्होंने बताया कि संसद सत्र के बीच में ही रविवार को शोक संतप्त परिवार से मिलने सपहा गांव जायेंगे. बुधवार की देर रात ज्योंहि उन्हें इस हादसे की सूचना मिली त्योंहि वे झारखंड पुलिस से संपर्क कर हालात का जायजा लिया. मृतक के परिजनों को हर संभव सहयोग के लिए सीएम से बात करेंगे.
मृतक के परिजनों को सरकार दे मुआवजा: पप्पू
पूर्णिया. पूर्व सांसद व कांग्रेस नेता उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह ने सड़क हादसे में रुपौली अंचल के सपहा गांव के तीन युवकों की मौत पर शोक संवेदना जतायी है. उन्होंने कहा कि वे इस दुख की घड़ी में मृतकों के दुखी व पीड़ित परिवार एवं परिजनों के साथ खड़े हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार मृतक युवकों के आश्रितों को पर्याप्त मुआवजा दे.
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