मुख्य सड़क सहित मुहल्लों की सड़कों पर एक से डेढ़ फीट पानी
टूटी-फूटी सड़कों पर गिरते-पड़ते रहे लोग
नप ने नहीं की जलनिकासी की कोई तात्कालिक व्यवस्था
सहरसा : रविवार को दोपहर 12 बजे झमाझम बारिश शुरू हुई तो लोगों को लगा कि उन्हें गर्मी से निजात मिली. लेकिन जब घंटे भर तक लगातार व मूसलधार बारिश होती रही, तो शहर के लोगों को लगने लगा कि आसमान से राहत नहीं आफत बरस रहा है.
देखते ही देखते शहर के सभी प्रमुख सड़कों सहित गली-मुहल्लों की सड़कों पर एक से डेढ़ फीट तक पानी जमा हो गया. तालाब का रूप ले चुके सड़कों को पार करने की मुसीबत बन गयी. सड़कों के जर्जर होने के कारण जमा पानी में वाहन फंसते रहे. लोगों को धक्का देकर वाहन बाहर निकालना पड़ा. लोगों को पैंट समेट पानी पार कर घर से बाहर निकलना पड़ा.
तालाब बन गयीं सड़कें
रविवार को हुई बारिश में बाजार व गली-मुहल्लों की सड़कों का फर्क बिल्कुल मिट गया. गंगजला जाने वाली मुख्य सड़क हो या वीआइपी रोड.
बस स्टैंड हो या हटिया गाछी रोड. गांधी पथ हो या बंगाली बाजार. सबके सब तालाब बन गये हैं. मुख्य सड़क न्यू कॉलोनी की सड़कें हो या नया बाजार जाने वाली सड़क, गौतम नगर हो या कोसी चौक का इलाका, चांदनी चौक के समीप का मुहल्ला हो या विद्यापति नगर, बस स्टैंड के पीछे का इलाका हो या इस्लामिया चौक से पूरब जाने वाली सड़क हो. सबका एक जैसा हाल है. पूरे शहर में सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है.
किसी नाले के साफ नहीं रहने के कारण सड़कों का पानी नाले में नहीं जा पा रहा है. उलटे नाले का पानी सड़कों पर फैल रहा है. पहली जोरदार बारिश में ही शहर की स्थिति पूरी तरह खराब हो चुकी है. लेकिन देर शाम तक नगर परिषद अथवा जिला प्रशासन की ओर से जलनिकासी की तात्कालिक व्यवस्था भी नहीं दिखी. कोई यदि ऐसी बारिश एक बार और हो जाये तो हजारों घरों में पानी घुस जायेगा और पिछले साल की तरह त्राहिमाम की स्थिति बन जायेगी.