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दो महीने बीतने के बाद भी डिपो इंचार्ज फरार

डीजल चोरी मामले में दोनों गिरफ्तारी की डर से हैं फरार सहरसा : पिछले 28 फरवरी को रेलवे आरसीडी डीपो में डीजल चोरी मामले में आरोपित बनाये गये आरसीडी डीपो इंचार्ज लालबाबू साह व लिपिक रविंद्र कुमार गिरफ्तारी की डर से फरार चल रहा है. डीजल चोरी मामले में आरोपित बनाये गये आरसीडी डीपो व […]

डीजल चोरी मामले में दोनों गिरफ्तारी की डर से हैं फरार

सहरसा : पिछले 28 फरवरी को रेलवे आरसीडी डीपो में डीजल चोरी मामले में आरोपित बनाये गये आरसीडी डीपो इंचार्ज लालबाबू साह व लिपिक रविंद्र कुमार गिरफ्तारी की डर से फरार चल रहा है. डीजल चोरी मामले में आरोपित बनाये गये आरसीडी डीपो व लिपिक के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के तहत समस्तीपुर रेल मंडल के डीआरएम रविन्द्र कुमार जैन ने पहले ही दोनों को सस्पेंड कर दिया है. मालूम हो कि पिछले 28 फरवरी को आरसीडी डीपो में रेल का डीजल चोरी मामला आरपीएफ द्वारा उजागर हुआ था. बरौनी आइओसीएल से सहरसा रेलवे आरसीडी डीपो के लिये एक टैंकलोरी में अठारह हजार लीटर डीजल चला था,
लेकिन सहरसा पहुंचने से पहले ही रोसरा के एक पंप पर 46 सौ लीटर डीजल को बेच दिया गया. आरसीडी डीपो में जब बिना माप के ही टैंकलोरी को डीपो इंचार्ज की मौजूदगी में खाली किया जा रहा था. उसी समय पहले से गुप्त सूचना पर घात लगाये बैठे आरपीएफ ने टैंकलोरी चालक को दबोच लिया था. आरपीएफ ने टैंकलोरी को जब्त करने के बाद चालक व आरसीडी डीपो इंचार्ज को डीजल चोरी मामले में अभियुक्त बनाते हुये दोनों को नामजद अभियुक्त बनाया था. मामले की जांच के लिए पिछले दिनों जब आरपीएफ कमांडेंट विजय प्रकाश पंडित सहरसा पहुंचे थे. डिपो इंचार्ज व लिपिक दोनों गायब पाये गये थे.
तब से लेकर आज तक आरोपित डीपो इंचार्ज और कार्यालय का लिपिक अपने उपर कारवाई की डर और गिरफ्तारी की डर से फरार चल रहे हैं. डीजल चोरी मामले में डीपो इंचार्ज लालबाबू साह व फरार लिपिक रविन्द्र कुमार के विरुद्ध आरपीएफ कमांडेंट के द्वारा समस्तीपुर रेल मंडल के डीआरएम रविन्द्र कुमार जैन को लिखे गये पत्र के बाद डीआरएम ने आरसीडी डीपो इंचार्ज व लिपीक दोनों पर विभागीय कारवाई का आदेश जारी करते हुये उन्हें सस्पेंड करने का आदेश जारी कर दिया गया था. डीजल चोरी मामले में अबतक हुई कारवाई में आरपीएफ के डीआईजी सी मरांडी ने भी पिछले मार्च माह में जांच की कारवाई के दौरान जल्द ही दोनों आरोपित के गिरफ्तारी की बात कही थी.
लेकिन उक्त आदेश व मामले को दो महीने बीतने के बाद भी आजतक डीपो इंचार्ज व लिपीक की खोज में आरपीएफ विफल साबित हुई है. जिसके कारण दोनों ही आरोपित रेल कर्मचारी डीजल चोरी कर पुलिस की आंखों में धूल झोक अपरी अदालत से जमानत लेने के फिराक में लगा हुआ है. मालुम हो कि इस मामले में निचली अदालत ने पहले ही दोनों की जमानत को रद्द कर चुके हैं. आरसीडी डीपो में रेलवे के डीजल चोरी मामले में अबतक हुई जांच रिपोर्ट में दोनों ही आरोपित रेल कर्मचारी के खिलाफ जितने भी साक्ष्य पाये गये है उसके तहत दोनों के समक्ष खुद को न्यायालय के समक्ष आत्म समर्पण करने के अलावे अपनी बेगुनाही का सबूत देने का और कोई दूसरा चारा नहीं है.

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