सासाराम शहर : एमडीएम में फर्जीवाड़े के बाद जुर्माना वसूलने में शिक्षा विभाग के नौ दीये तेल जल रहे हैं. कभी डीडीओ का कहना कि हमें कोई आदेश प्राप्त नहीं है. कभी डीपीओ स्थापना का कहना कि आदेश दे दिया गया है. प्रभात खबर ने 30 सितंबर को एक बार फिर इसकी खबर प्रमुखता से प्रकाशित किया, तो विभाग व हेडमास्टर हरकत में आये और जुर्माने की राशि विद्यालय शिक्षा समिति के खाते में जमा करने लगे हैं.
हालांकि, 2.22 लाख रुपये में अबतक करीब 1.25 लाख रुपये ही विद्यालयों के शिक्षा समितियों के खातों में जमा हो सके हैं. मध्य विद्यालय मलवार के हेडमास्टर हरिहर शर्मा ने करीब 50,000 रुपये, मध्य विद्यालय बम्हौर के हेडमास्टर सुरेंद्र कुमार चौधरी ने करीब 30,000 रुपये, मध्य विद्यालय मदैनी के हेडमास्टर विजय कुमार सिंह ने करीब 16,847 रुपये, मध्य विद्यालय बड्डी के हेडमास्टर वीरेंद्र कुमार सिंह ने करीब 20,000 रुपये व मध्य मुरलीपुर के हेडमास्टर नागेंद्र प्रसाद ने करीब 8000 रुपये अपने-अपने विद्यालय के शिक्षा समिति के खाता में जमा किया है. इसके बाद भी करीब 97 हजार रुपये हेडमास्टरों के पास बकाया रह गया है.
गौरतलब है कि 29 जुलाई को स्कूलों के निरीक्षण के दौरान बड़े पैमाने पर एमडीएम में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में डीपीओ एमडीएम राजदेव राम ने शिवसागर प्रखंड के पांच स्कूलों के हेडमास्टरों पर करीब 2.22 लाख का जुर्माना लगाया था. डीपीओ ने जांच के दौरान मध्य विद्यालय मलवार, मदैनी, बम्हौर, मुरलीपुर व बम्हौर में उपस्थिति पंजी, स्कूल में बच्चों की उपस्थिति और एमडीएम के एसएमएस में भिन्नता पाये जाने पर उक्त कार्रवाई की थी.
डीपीओ ने मध्य विद्यालय मलवार के हेडमास्टर से 75,573 रुपये, मुरलीपुर के हेडमास्टर से 63,509 रुपये, बम्हौर के हेडमास्टर से 42,514 रुपये, बड्डी के हेडमास्टर से 42,514 रुपये व मदैनी के हेडमास्टर से 16,847 रुपये वसूलने का आदेश दिया था. काफी दिनों तक राशि जमा करने में टालमटोल होता रहा. हाल के दिनों में जब विभाग ने सख्ती बरती तो हेडमास्टर विद्यालय शिक्षा समिति के खाते में रकम जमा करने लगे हैं.