लोगों को हो रही परेशानी
सासाराम (ग्रामीण) : दो दिन की चांदनी, फिर अंधेरी रात वाली यह कहावत शहर के अतिक्रमण व नासूर बनी जाम की समस्याओं पर सटीक बैठती है. चूंकि, महज एक पखवारा पूर्व जिला प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने व जाम से निजात दिलाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. यहां तक की नगर पर्षद (नप) द्वारा बनाये गये डिवाइडर भी तोड़ दिये गये थे.
डिवाइडर पर स्थित पोल को भी आनन-फानन में हटा दिया गया. लेकिन, चंद दिनों के बाद स्थिति पहले जैसी हो गयी. शहर में फिर से जगह-जगह अतिक्रमण होने लगा है. अधिकारियों की लापरवाही से बनायी गयी कार्य योजना भी लागू नहीं हो सकी. लिहाजा, लोगों को फिर से जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है.
उप विकास आयुक्त हाशिम खां ने प्रभारी जिलाधिकारी के रूप में अतिक्रमण हटाने, सब्जी दुकानों को दूसरी जगह लगवाने, बसों का रूट बदल कर चलवाने, टेंपो परिचालन सहित कई मामलों पर निर्णय लिये गये थे. पर, इन निर्णयों पर आज तक अमल नहीं हो पाया है.
सड़कों पर फिर सजीं दुकानें : कुछ दिनों के लिए अतिक्रमण तो हटा, लेकिन दुकानें फिर से सड़कों पर लगने लगी. जहां से टेंपो हटाये गये थे, वहीं पर फिर से टेंपो लगने लगे. दुकानें फिर उसी जगह लग गयी, जहां पहले से थी.
मूकदर्शक बने पुलिसकर्मी : न अतिक्रमण हटा और न ही सड़क जाम से शहरवासियों को निजात मिल पाया. शहर में सड़क जाम की समस्या एक बार फिर नासूर बन गयी. जाम के कारण बस स्टैंड से निकल कर मुख्य सड़क पर आने में घंटों लग रहे हैं.
जहां मन, वहीं से गाड़ियों को घुमाया जा रहा है. इसके कारण सड़क जाम लगना भी स्वाभाविक हो गया है. पोस्ट आॅफिस चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मी मूक दर्शक बने हुए हैं. यह स्थल भी समाहरणालय से महज चंद दूरी पर स्थित है.