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डेहरी-सासाराम के बीच फोरलेन बनी जानलेवा
डेहरी कार्यालय : फोरलेन पर सोन नदी में बने जवाहर सेतु डेहरी से लेकर सासाराम तक का इलाका जानलेवा बन गया है. जहां चाहे ट्रक चालक सड़क पर ही अपने वाहन को खड़ा कर आराम से अपना काम करते हैं. फोरलेन को सिक्स लेन बनाने में करोड़ों रुपये सरकार ने इसलिए खर्च किये हैं कि […]
डेहरी कार्यालय : फोरलेन पर सोन नदी में बने जवाहर सेतु डेहरी से लेकर सासाराम तक का इलाका जानलेवा बन गया है. जहां चाहे ट्रक चालक सड़क पर ही अपने वाहन को खड़ा कर आराम से अपना काम करते हैं.
फोरलेन को सिक्स लेन बनाने में करोड़ों रुपये सरकार ने इसलिए खर्च किये हैं कि सड़क चौड़ी होने पर वाहनों का परिचालन बिना किसी रुकावट के सुरक्षित पूरा किया जा सके, लेकिन पहले से अधिक अब एक तरफ की तीन लेन वाली सड़क पर दो लेन में ओवरलोड अवैध ढंग से बालू लदे वाहनों के अलावा कई अन्य बड़े वाहन खड़े मिलेंगे. यही नहीं फोरलेन पर अक्सर दक्षिणी दिशा वाले लेन में डेहरी सासाराम के बीच कई ओवरलोड बालू लदे वाहन खराब होकर हफ्तों सड़क पर खड़े रहते हैं लेकिन उनके ऊपर एनएचआई या स्थानीय प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती.
ऐसे में जहां फोरलेन चौड़ी होने की बजाय पहले से अधिक संकरी हो गयी है, वहीं रात के समय में वाहन चालकों को अचानक सड़क पर खड़ा वाहन दिखाई देने पर चालक को अपने वाहन से नियंत्रण खो देने के कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं. इसमें अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है.
मंगलवार की रात सुवरा गांव मोड़ के पास अनियंत्रित बोलेरो के चालक के साथ भी शायद ऐसा ही कुछ हुआ होगा, जिसमें उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद प्रयागराज से स्नान कर अपने घर वापस जाने के क्रम में बोलेरो सवार हादसे के शिकार हो गये. झारखंड प्रदेश के टोपा कुजू रामगढ़ मांडू कोईलरी के रहने वाले बोलेरो सवार उन 10 लोगों में से दो उक्त दुर्घटना में काल के गाल में समा गये. शेष आठ लोगों ने जो मौत का खेल देखा, उन्हें आजीवन याद रहेगा.
यही नहीं, सड़क पर गिरे बालू से उपजी फिसलन के कारण भी तेज गति से वाहन चलाने वाले चालक जब अपने वाहन को अचानक ब्रेक मारते हैं तो बालू के कण पर उनका चक्का फिसलने से वाहन अनियंत्रित हो जाता है. इस कारण भी अब तक कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं.
जवाहर सेतु से लेकर सुवरा गांव मोड़ के बीच बीते दो-तीन महीनों में अब तक दर्जनों दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमे कई लोगों की जान जा चुकी है, फिर भी एनएचएआई व स्थानीय प्रशासन है कि इस पर कोई कारगर कार्रवाई करता नहीं दिख रहा है.
कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में एनएचएआइ के अधिकारियों को पत्र लिखा जायेगा कि परिवहन कानून के विरुद्ध कार्य करने वाले वाहन चालकों व वाहनों के ऊपर कानून सम्मत कार्रवाई करें.
लाल ज्योति नाथ सहदेव, अनुमंडल पदाधिकारी, डेहरी
निर्धारित कानून का नहीं हो रहा पालन
फोरलेन पर सरकार द्वारा निर्धारित कानून के तहत सड़क के ऊपर खाली या भरे वाहन को खड़ा करा जुर्म है, लेकिन सरकार के कानून की खुलेआम धज्जियां उड़ायी जा रही हैं. कहने को तो एनएचएआई द्वारा पेट्रोलिंग वाहनों की व्यवस्था की गयी है, जो सड़क के ऊपर लगातार पेट्रोलिंग करेंगे व अवैध रूप से खड़े किये गये वाहनों के ऊपर कानून सम्मत कार्रवाई करेंगे.
यही नहीं, अगर सड़क पर कोई वाहन खराब हो जाता है तो उसको सड़क से किनारे हटाने,यदि उक्त वाहन तुरन्त हटाने लायक स्थिति में नहीं हो, तो वहां वाहन चालकों को दूर से इंगित करने वाले कोई सुरक्षित चिह्न को दर्शाने की व्यवस्था करनी है, ताकि सड़क पर तेज गति से चलने वाले वाहनों के चालक को दूर से ही दिख जाये कि आगे सड़क पर कोई वाहन खराब होकर खड़ा है. लेकिन ऐसा कुछ होता कहीं नहीं दिखता. इस कारण दुर्घटना की संख्या में दिन-प्रतिदिन वृद्धि हो रही है.
क्या कहते हैं लोग
लोगों का कहना है कि फोरलेन पर चलने वाले वाहनों से एनएचएआई द्वारा टोल लगाकर टैक्स तो लिया जाता है, लेकिन वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए कोई कारगर कार्रवाई नहीं की जाती. सड़क पर वाहन अवैध रूप से खड़े रहते हैं लेकिन एनएचएआई द्वारा उन वाहनों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं होती.
यही नहीं, फोरलेन के ऊपर अवैध रूप से बालू लदे हजारों ट्रैक्टर प्रतिदिन तेज रफ्तार से दौड़ते हैं, जिस कारण खुली ट्राॅली से बालू सड़क पर बिखर जाता है. सड़क पर पसरे बालू को हटाने या वैसे ट्रैक्टरों के ऊपर भी प्रशासनिक स्तर से एनएचएआई द्वारा कोई कारगर कार्रवाई नहीं किये जाने के कारण फोरलेन मौत का घर बन कर रह गया है.
शहर के निवासी पीर मोहम्मद राइन, संदीप तिवारी, सैफुल हक, मंटू तिवारी, देवेंद्र सिंह, छोटू सिंह, राज पटेल उर्फ बंटी, सुमित दुबे व अन्य ने कहा कि फोरलेन पर यात्रा सुरक्षित बनाने के लिए एनएचएआई व स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि कारगर रूप से पेट्रोलिंग की व्यवस्था करें. सड़क के ऊपर अवैध रूप से खड़ा किये गये वाहनों व खुले रूप से तेज गति से ट्रैक्टर से बालू की ढुलाई करने वाले चालकों व ट्रैक्टर मालिक के ऊपर कानून सम्मत कार्रवाई करें, ताकि उक्त सड़क पर यात्रा सुरक्षित हो सके.
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