पूर्णिया. पूर्णिया विवि में इस महीने लिए गये कुछ फैसलों को नये कुलपति प्रो पवन कुमार झा पलट सकते हैं. इनमें पूर्णिया कॉलेज के अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष समेत कुछ शिक्षकों का अन्यत्र प्रतिनियोजन भी शामिल है. दरअसल, तत्कालीन कुलपति ने राजभवन से शक्तियां सीमित होने के बाद ये प्रतिनियोजन किये हैं. इसलिए उन्हीं सीमित शक्तियों में प्रतिनियोजन के फैसले को नये वीसी की ओर से पलट देने की चर्चा चल रही है. इसके अलावे हाल में लिए गये अन्य निर्णयों की भी समीक्षा होने की चर्चा जोरों से चल रही है. गौरतलब है कि नये कुलपति प्रो. पवन कुमार झा काफी अनुभवी और व्यवहारिक हैं. ऐसे में उनके कार्यकाल में शैक्षणिक परिसरों के हित में ही तत्काल कदम उठाये जाने की संभावना है. सबसे ज्यादा नजर इस बात पर होगी कि किस प्रकार से कॉलेजों में यूजी और पीजी की कक्षाएं संचालित होती हैं. कई कॉलेजों ने अभी तक प्रेरक सत्र से दूरी बनाये रखी है. जबकि पूर्णिया विवि ने स्थापना वर्ष में ही प्रेरक सत्र की परंपरा की नींव डाल दी थी. एनओसी में करीब 75 लाख के ओवरपेमेंट का फंस सकता पेच पूर्णिया. पूर्णिया विवि के कुलपति प्रो. राजनाथ यादव का कार्यकाल समाप्त होने के बाद चर्चा है कि एनओसी में सैलरी-पेंशन मामले में करीब 75 लाख के ओवरपेमेंट का पेंच फंस सकता है. पूर्णिया विवि के तत्कालीन तीन पदाधिकारियों ने सैलरी व पेंशन दोनों का एक ही वक्त में लाभ उठाया. दरअसल, उस वक्त विवि अधिनियम के नवीन संस्करण में एक गलत टंकण के कारण यह लाभ इन पदाधिकारियों को मिल गया. बाद में उच्च स्तर से यह स्पष्ट कर दिया गया कि पेंशन की राशि की कटौती कर वेतन का भुगतान करना है. इस आदेश के आने के पहले ही लाभान्वित हुए दो पदाधिकारी का कार्यकाल समाप्त हो गया. हालांकि तीसरे पदाधिकारी ने नये आदेश के अनुसार, वेतन से पेंशन की राशि कटौती कराना शुरू कर दिया. हालांकि पूर्व में ली गयी अतिरिक्त राशि के बारे में पूर्णिया विवि ने कभी सार्वजनिक तौर पर स्पष्ट नहीं किया. तत्कालीन कुलसचिव डॉ. घनश्याम राय ने इस मामले को संज्ञान में लाया था. फोटो. 20 पूर्णिया 11 परिचय- पूर्णिया विवि
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